
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह डिवाइस आधार और UPI से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से पैसों का लेन-देन तुरंत और सुरक्षित तरीके से हो जाता है. यूजर को बस अपना अंगूठा डिवाइस पर रखना होगा इसके बाद आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से पहचान की पुष्टि होगी और फिर UPI के माध्यम से बैंक से बैंक में पैसा ट्रांसफर हो जाएगा.

इस प्रक्रिया में न QR कोड स्कैन करने की जरूरत है और न ही स्मार्टफोन की. यही वजह है कि ThumbPay छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े स्टोर्स तक हर जगह काम आ सकता है.

कंपनी के संस्थापक पुलकित आहूजा का कहना है कि भारत ने पिछले एक दशक में आधार और UPI जैसी मजबूत डिजिटल नींव रखी है और ThumbPay इन्हीं तकनीकों का बेहतरीन उपयोग है. इसमें सर्टिफाइड फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है जो धोखाधड़ी की संभावना को कम करता है. इसके साथ एक छोटा कैमरा और यूवी स्टरलाइजेशन सिस्टम भी है.

खास बात यह है कि यह डिवाइस यूपीआई साउंडबॉक्स की तरह आवाज देकर बताता है कि भुगतान सफल रहा या नहीं. इसके अलावा यह 4G, वाई-फाई और LoRaWAN नेटवर्क पर भी आसानी से काम कर सकता है जिससे दूर-दराज के क्षेत्रों में भी इसका उपयोग संभव है.

कंपनी ने इस डिवाइस की कीमत 2,000 रुपये से कम रखी है ताकि यह छोटे व्यापारियों और ग्रामीण इलाकों में भी अपनाया जा सके. बैटरी से चलने वाला यह डिवाइस बिजली न होने पर भी काम करता है और किसी भी आधार से जुड़े बैंक अकाउंट वाले व्यक्ति द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका पायलट टेस्ट पूरा हो चुका है और अब UIDAI तथा NPCI से मंजूरी मिलने के बाद इसे बैंकों और फिनटेक कंपनियों की मदद से बाजार में उतारा जाएगा.

यह तकनीक खासकर उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो स्मार्टफोन या वॉलेट का इस्तेमाल नहीं करते. बुजुर्ग, दिहाड़ी मजदूर और ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से इस डिवाइस के जरिए भुगतान कर पाएंगे. पुलकित आहूजा के अनुसार, ThumbPay का मकसद है “UPI की ताकत को हर व्यक्ति के अंगूठे तक पहुंचाना.” यह कदम न केवल शहरों में बल्कि गांवों और कस्बों में भी डिजिटल इंडिया की दिशा को और मजबूत करेगा.
Published at : 20 Sep 2025 08:19 AM (IST)