रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान को बड़ी राहत दी. लंबे समय से चल रहे इस मामले में कोर्ट ने गुरुवार को उनकी जमानत मंजूर कर ली. माना जा रहा था कि इससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो जाएगा.
आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ 200 से अधिक मामले दर्ज हैं. इनमें अकेले आजम खान पर 100 से ज्यादा मुकदमे हैं. अधिकांश मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. केवल यही एक मामला लंबित था, जिसमें गुरुवार को हाईकोर्ट का आदेश आया.
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हालांकि, राहत की इस खबर के साथ ही उसी दिन आजम खान को एक बड़ा झटका भी लगा. रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शत्रु संपत्ति मामले में दाखिल एडिशनल चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ गंभीर धाराएं बढ़ा दीं.
कोर्ट ने रिकॉर्ड रूम के अभिलेखों में हेराफेरी और साक्ष्य मिटाने के आरोपों से जुड़े मामले में आईपीसी की धारा 467, 471 और 201 का संज्ञान लिया. साथ ही आजम खान को 20 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया.
मामला कैसे बढ़ा
शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोपों में पहले रामपुर पुलिस ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को क्लीन चिट दे दी थी. लेकिन जब यह मामला शासन तक पहुंचा तो दोबारा विवेचना के आदेश दिए गए. इसी विवेचना में पुलिस ने एडिशनल चार्जशीट दाखिल कर आरोप गंभीर बताते हुए कोर्ट में पेश किए.
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आजम खान के वकीलों ने कोर्ट से अपील की थी कि इस चार्जशीट पर संज्ञान न लिया जाए, जबकि अभियोजन पक्ष ने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया. बुधवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी. गुरुवार को कोर्ट ने आदेश देते हुए आरोपों का संज्ञान लिया और आजम खान को तलब कर लिया.
आजम खान की रिहाई पर रोक
हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद रामपुर कोर्ट की इस कार्रवाई ने आजम खान की रिहाई पर रोक लगा दी है. अब सबकी नजरें 20 सितंबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जो उनके राजनीतिक और कानूनी भविष्य को तय करने में अहम साबित हो सकती है.
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