सऊदी के बाद और मुस्लिम देशों को भी NATO जैसे गठबंधन में लाने के जुगाड़ में PAK! – pakistan saudi arabia strategic mutual defense agreement muslim world unity

सऊदी के बाद और मुस्लिम देशों को भी NATO जैसे गठबंधन में लाने के जुगाड़ में PAK! – pakistan saudi arabia strategic mutual defense agreement muslim world unity


सऊदी अरब के साथ एक रक्षा समझौता कर पाकिस्तान काफी खुश है. भारत के अहम सहयोगी सऊदी अरब के साथ समझौते को पाकिस्तान मुस्लिम दुनिया की एकजुटता की तरह पेश कर रहा है. समझौते से गदगद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को कहा कि इस बात की पूरी संभावना है कि ऐतिहासक ‘स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ (Strategic Mutual Defence Agreement) में अन्य अरब देश शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि सभी अरब मुस्लिम देशों के लिए दरवाजे खुले हैं.

पाकिस्तान और सऊदी के बीच यह समझौता बुधवार को रियाद स्थित अल-यमामा पैलेस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच हुआ.

इसके तहत किसी एक देश पर हमला होने की स्थिति में उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और संयुक्त रूप से उसका जवाब दिया जाएगा.

‘समझौते में शामिल हो सकते हैं दूसरे देश’

पाकिस्तानी ब्रॉडकास्टर ‘जियो न्यूज’ के एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि वो लंबे समय से नाटो जैसी व्यवस्था की वकालत करते रहे हैं क्योंकि पिछले 40-50 सालों में पाकिस्तान इस क्षेत्र की असुरक्षा का बड़ा शिकार रहा है.

उन्होंने कहा, ‘यहां के देशों और खासकर मुस्लिम आबादी का यह मौलिक अधिकार है कि वे एकजुट होकर अपने क्षेत्र, देशों और राष्ट्रों की रक्षा करें. समझौते में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि अन्य देशों को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता या पाकिस्तान किसी और देश के साथ ऐसा समझौता नहीं कर सकता.’

पाकिस्तानी मंत्री ने हांकी परमाणु बम की डींग

जब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की परमाणु क्षमता भी इस समझौते के तहत शामिल होगी, तो आसिफ ने कहा, ‘हमारी जो भी क्षमताएं हैं, वो इस समझौते के तहत उपलब्ध होंगी. लेकिन मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान जब से परमाणु शक्ति बना है, तब से कभी किसी ने हमें गैर-जिम्मेदार परमाणु शक्ति नहीं कहा.’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा अपनी परमाणु फैसिलिटीज को निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराया है, जबकि इजरायल ने कभी भी ऐसा नहीं किया.

इस दौरान पाकिस्तान रक्षा मंत्री ने कहा कहा कि समझौते के तहत, इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर किसी एक देश पर हमला होता है तो दूसरा देश भी उसकी रक्षा के लिए आगे आएगा.

‘किसी अन्य देश को टार्गेट नहीं करता समझौता’

पाकिस्तान-सऊदी समझौते को लेकर भारत में काफी चर्चा है. मई में भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिनों की लड़ाई हुई थी. 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हो गया था. भारत में इस बात की काफी चर्चा है कि भविष्य में अगर ऐसा कुछ होता है तो सऊदी अरब क्या करेगा.

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का कहना है कि पाकिस्तान और सऊदी ने इस समझौते को किसी विशेष देश के खिलाफ शर्तों के साथ नहीं जोड़ा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई देश पाकिस्तान पर पहले हमला करता है तो आक्रामकता का संयुक्त रूप से मुकाबला किया जाएगा.

आसिफ ने कहा कि यह समझौता किसी पर हमला करने के लिए नहीं बल्कि रक्षा के लिए है और इसे नाटो जैसी रक्षात्मक व्यवस्था के तौर पर देखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘अगर सऊदी अरब या पाकिस्तान पर हमला होता है, तो हम संयुक्त रूप से उसका बचाव करेंगे. पवित्र इस्लामिक स्थलों की रक्षा करना पाकिस्तान के लिए एक पवित्र कर्तव्य है.’ 

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