Solar Eclipse 2025: 21 सितंबर 2025 की रात को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लग रहा है. यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में होगा. भारत में यह दृश्य नहीं होगा, इसलिए सूतक मान्य नहीं रहेगा. लेकिन वैदिक ज्योतिष के अनुसार इसका असर 12 राशियों पर गहराई से पड़ेगा. खासकर कन्या, मीन और धनु राशि के जातकों को सतर्क रहना होगा.
सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025: कन्या राशि में छाया का खेल, 12 राशियों पर गहरा असर
पंचांग
- तिथि: 21 सितंबर 2025, रविवार
- प्रारंभ: रात 10:59 बजे
- मध्य: 22 सितंबर, 1:11 बजे
- समाप्ति: 22 सितंबर, 3:23 बजे
- सूर्य-चंद्र: कन्या राशि, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
- भारत में दृश्य नहीं, इसलिए सूतक मान्य नहीं
मेष : करियर और शत्रुओं का टकराव
इस ग्रहण का प्रभाव मेष राशि के षष्ठ भाव पर पड़ रहा है. यह भाव ऋण, रोग और शत्रुओं का प्रतिनिधित्व करता है. करियर में अचानक दबाव और अधिकारियों की नाराजगी संभव है. ऑफिस-पॉलिटिक्स और पुराने शत्रु सक्रिय होंगे.
स्वास्थ्य में पेट और पाचन से जुड़ी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं. वैदिक दृष्टि से षष्ठ भाव पर ग्रहण होने से मानसिक तनाव और कार्यक्षेत्र में बाधाएं बढ़ती हैं. आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्. यानी सूर्य की उपासना शत्रुओं का नाश करती है.
उपाय: तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य दें.
लकी कलर: लाल । लकी नंबर: 9
वृषभ : प्रेम, संतान और निवेश पर संकट
यह ग्रहण वृषभ राशि के पंचम भाव को प्रभावित कर रहा है. प्रेम संबंधों में गलतफहमी और तनाव बढ़ सकता है. छात्रों को पढ़ाई में मन लगाने में कठिनाई होगी. संतान से जुड़ी चिंता या स्वास्थ्य समस्या भी संभव है.
शेयर बाजार और सट्टेबाजी से बचना बुद्धिमानी होगी. वैदिक ज्योतिष मानता है कि पंचम भाव पर ग्रहण होने से बुद्धि और संतान सुख प्रभावित होता है. वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ. यानी गणेश की पूजा से बुद्धि और संतान सुख मिलता है.
उपाय: बुधवार को गणेश को दूर्वा अर्पित करें.
लकी कलर: सफेद । लकी नंबर: 6
मिथुन : गृहस्थी और संपत्ति में अस्थिरता
मिथुन राशि के लिए यह ग्रहण चतुर्थ भाव में पड़ रहा है. घर-परिवार का वातावरण अशांत हो सकता है. माता के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. संपत्ति, वाहन या घर से जुड़े मामलों में विवाद या खर्च संभव है.
वैदिक गणना कहती है कि जब ग्रहण चतुर्थ भाव में होता है, तब गृहस्थ जीवन और मानसिक शांति दोनों प्रभावित होते हैं. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय. यानी विष्णु का स्मरण मानसिक शांति देता है.
उपाय: माता की सेवा करें और घर में दीपक जलाएं.
लकी कलर: हरा । लकी नंबर: 5
कर्क : भाई-बहन और यात्राओं में व्यवधान
यह ग्रहण कर्क राशि के तृतीय भाव को प्रभावित कर रहा है. भाई-बहनों के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं. अचानक यात्राओं में बाधाएं आएंगी. मीडिया, लेखन और संचार से जुड़े जातकों को भी समस्याएं हो सकती हैं.
वैदिक शास्त्र कहते हैं कि तृतीय भाव पर ग्रहण होने से साहस की परीक्षा होती है और रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है. मनोजवं मारुततुल्यवेगम्. यानी हनुमान की उपासना साहस प्रदान करती है.
उपाय: मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें.
लकी कलर: सफेद । लकी नंबर: 2
सिंह : धन और वाणी पर असर
सिंह राशि के लिए यह ग्रहण द्वितीय भाव में पड़ रहा है. आय-व्यय असंतुलित हो सकता है. वाणी की कठोरता से परिवार में कलह हो सकती है. किसी पुराने विवाद में धन फंस सकता है. वैदिक शास्त्र कहते हैं कि द्वितीय भाव पर ग्रहण होने से वाणी और धन दोनों प्रभावित होते हैं. नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते. यानी लक्ष्मी की पूजा से धन संकट दूर होता है.
उपाय: शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन करें.
लकी कलर: सुनहरा । लकी नंबर: 1
कन्या : व्यक्तित्व और स्वास्थ्य पर ग्रहण
यह ग्रहण सीधे कन्या राशि पर लग रहा है. आत्मविश्वास डगमगाएगा और स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. छवि को लेकर चुनौतियाँ आएंगी. निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति बन सकती है. वैदिक गणना कहती है कि जब ग्रहण लग्न में होता है तो व्यक्ति की पहचान और स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है. बुधो बुद्धिमतां श्रेष्ठः. यानी बुध विवेक और संवाद शक्ति प्रदान करता है.
उपाय: बुधवार को गणेश को दूर्वा अर्पित करें.
लकी कलर: हरा । लकी नंबर: 7
तुला : गुप्त शत्रु और खर्च बढ़ेंगे
तुला राशि के लिए यह ग्रहण द्वादश भाव में हो रहा है. अनावश्यक खर्च बढ़ सकता है. विदेश यात्रा में बाधाएं आएंगी. नींद और मानसिक शांति प्रभावित होगी. गुप्त शत्रु भी सक्रिय हो सकते हैं. शास्त्र कहते हैं कि द्वादश भाव पर ग्रहण हानि और व्यय का संकेत देता है. त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. यानी महाकाल की उपासना भय और रोग दूर करती है.
उपाय: शनिवार को तिल और तेल का दान करें.
लकी कलर: नीला । लकी नंबर: 3
वृश्चिक : मित्रता और लाभ पर ग्रहण
वृश्चिक राशि के लिए ग्रहण एकादश भाव में पड़ रहा है. मित्रों से धोखा और नेटवर्क में विवाद की आशंका है. लाभ में कमी आएगी और लक्ष्य अधूरे रह सकते हैं. वैदिक गणना कहती है कि एकादश भाव पर ग्रहण लाभ और सहयोग को कमजोर करता है. शिवं शान्तं जगन्नाथं. यानी शिव की उपासना जीवन में स्थिरता लाती है. उपाय: शिवलिंग पर जल अर्पित करें.
लकी कलर: काला । लकी नंबर: 8
धनु : पद और प्रतिष्ठा पर संकट
धनु राशि के लिए ग्रहण दशम भाव में हो रहा है. करियर और प्रतिष्ठा प्रभावित होगी. वरिष्ठों से विवाद या पद-हानि की स्थिति बन सकती है. राजनीतिज्ञ और उच्च पदस्थ जातकों के लिए यह समय कठिन रहेगा. शास्त्र कहते हैं कि दशम भाव पर ग्रहण सार्वजनिक छवि को कमजोर करता है. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन. यानी केवल कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए, परिणाम अपने आप सुधरेंगे.
उपाय: गुरुवार को पीली दाल का दान करें.
लकी कलर: पीला । लकी नंबर: 4
मकर : भाग्य और शिक्षा में बाधा
मकर राशि के लिए यह ग्रहण नवम भाव में पड़ रहा है. भाग्य का साथ कम मिलेगा. उच्च शिक्षा, प्रकाशन और विदेश यात्रा में अड़चनें आएंगी. पिता से मतभेद या उनके स्वास्थ्य पर चिंता संभव है.
वैदिक गणना कहती है कि नवम भाव पर ग्रहण भाग्य और आस्था की परीक्षा लेता है. ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं. यानी गायत्री मंत्र बुद्धि और भाग्य को प्रकाशित करता है.
उपाय: गुरुवार को हल्दी और पीले वस्त्र का दान करें.
लकी कलर: स्लेट ग्रे । लकी नंबर: 10
कुंभ : अचानक संकट और ऋण का बोझ
कुंभ राशि के लिए यह ग्रहण अष्टम भाव में हो रहा है. अचानक घटनाएं, दुर्घटना और ऋण का बोझ बढ़ सकता है. जॉइंट फाइनेंस, टैक्स और बीमा मामलों में सावधानी रखें. शास्त्र कहते हैं कि अष्टम भाव पर ग्रहण आपदाओं और बड़े परिवर्तन का संकेत देता है. त्र्यम्बकं यजामहे… यानी महामृत्युंजय जप जीवन में सुरक्षा देता है.
उपाय: काले तिल और जल अर्पित करें.
लकी कलर: नीला । लकी नंबर: 11
मीन : विवाह और साझेदारी पर असर
मीन राशि के लिए यह ग्रहण सप्तम भाव में पड़ रहा है. पति-पत्नी में विवाद, अविवाहितों की शादी में देरी और बिजनेस पार्टनर से मतभेद की स्थिति बन सकती है. वैदिक गणना कहती है कि सप्तम भाव पर ग्रहण संबंधों की परीक्षा लेता है. मंगलं भगवान् विष्णुः मंगलं गरुड़ध्वजः. यानी विष्णु की उपासना दांपत्य जीवन में शांति लाती है.
उपाय: शुक्रवार को दाम्पत्य पूजा करें और गुलाबी वस्त्र पहनें.
लकी कलर: क्रीम । लकी नंबर: 12
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