Sangeeta Phogat spoke about the TV show in JhajjarSangeeta Phogat spoke about the TV show Jhajjar, wrestler, Vinesh Phogat Olympic Story Sports Update | झज्जर में संगीता फोगाट ने बताई टीवी शो की बातें: कैसे विनेश फोगाट के ओलिंपिक से बाहर होने की चर्चा हुई, भावुक पल फिर से याद आ गए – Jhajjar News

Sangeeta Phogat spoke about the TV show in JhajjarSangeeta Phogat spoke about the TV show Jhajjar, wrestler, Vinesh Phogat Olympic Story Sports Update | झज्जर में संगीता फोगाट ने बताई टीवी शो की बातें: कैसे विनेश फोगाट के ओलिंपिक से बाहर होने की चर्चा हुई, भावुक पल फिर से याद आ गए – Jhajjar News


संगीता फोगाट ने बताई टीवी शो में हुई स्पोर्टस से जुड़ी बातें।

ओलिंपियन रेसलर बंजरंग पूनिया की पत्नी संगीता फोगाट से एक इंटरव्यू में उन्होंने टीवी शो में की गई विनेश फोगाट से जुड़ी बातों का खुलासा किया है। टीवी शो के दौरान स्पोर्टस के बारे में बात करने पर संगीता ने बताया कि कैसे उन्हें वे भावुक पल याद आए और डिस्क

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टीवी शो में चर्चा: संगीता ने बताया कि जब वह स्पोर्ट्स पर चर्चा कर रही थीं, तभी उन्हें विनेश के ओलिंपिक के वो पल याद आ गए। उस दौरान उन्होंने शेयर किया कि एक खिलाड़ी को सिर्फ 6 मिनट की मैट पर दिखने वाली कुश्ती के पीछे कितनी बड़ी मेहनत, त्याग और मानसिक-शारीरिक स्ट्रगल से गुजरना पड़ता है। शायद ये सब सिर्फ एक पहलवान ही जानता है।

संगीता फोगाट का फोटो।

संगीता फोगाट का फोटो।

वजन के कारण बाहर होना सहनीय नहीं

उन्होंने कहा कि वजन कंट्रोल करना आसान नहीं होता, बहुत लोग सोचते हैं कि यह सरल है, लेकिन इसके लिए खिलाड़ी को बड़ी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। मेडल जीत चुके खिलाड़ी का सिर्फ वजन के कारण डिसक्वालिफाई होना बहुत बड़ी हानि है—न सिर्फ खिलाड़ी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए।

भावुक पल: चर्चा के दौरान संगीता के रोंगटे खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि आज भी जब वह उन पलों को याद करती हैं तो उनका रोम-रोम कांप जाता है।

पदम श्री लौटाने पर बयान:

बजरंग पुनिया द्वारा पदम श्री लौटाने पर संगीता ने कहा कि अगर उनकी जगह वह होतीं, तो वह भी यही करतीं। उनके मुताबिक बेटियों की सुरक्षा और इंसाफ के आगे कोई भी अवॉर्ड या मेडल मायने नहीं रखता। सम्मान तभी मूल्यवान है जब देश की बेटियों को सम्मान मिले।

कुल मिलाकर, संगीता फोगाट ने बताया कि खिलाड़ी की जर्नी केवल खेल के कुछ मिनटों तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसके पीछे संघर्ष, अनुशासन और त्याग की लंबी कहानी होती है।



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