Surya Grahan 2025: 21 सितंबर 2025 को साल का आखिरी सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा. ऐसे में दुकानदारों के लिए सवाल खड़ा होता है कि क्या दुकान खोलनी चाहिए या नहीं? ज्योतिषीय मान्यता, धार्मिक परंपरा और व्यावसायिक दृष्टिकोण तीनों इस फैसले को प्रभावित करेंगे. लेकिन इससे पहले एक नजर डाल लेते हैं उस दिन के पंचांग पर-
पंचांग
- तारीख: 21 सितंबर 2025, रविवार
- तिथि: अश्विन अमावस्या
- नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी
- योग: शुक्ल
- करण: नाग
- सूर्य राशि: कन्या
- चंद्र राशि: सिंह – 15:58:39 तक, इसके बाद कन्या राशि में गोचर होगा.
ग्रहण समय: रात 10:59 बजे से 22 सितंबर तड़के 3:22 बजे तक (भारत में दृश्य नहीं)
धार्मिक मान्यता: सूतक का सवाल
ज्योतिषाचार्यों का स्पष्ट कहना है कि जहां ग्रहण दिखाई नहीं देता, वहां सूतक मान्य नहीं होता. यानी भारत में मंदिरों के द्वार सामान्य रहेंगे और पूजा-पाठ पर रोक नहीं होगी. ऐसे में तकनीकी रूप से दुकानों को बंद करने का कोई बाध्यकारी नियम नहीं है. इस श्लोक के अनुसार यत्र न दृश्यते ग्रहणं, तत्र न विधिः सूतकस्य. यानी जहां ग्रहण दिखाई ही नहीं देता, वहां सूतक के नियम लागू नहीं होते.
व्यापारिक दृष्टिकोण: ग्राहक की मानसिकता
- गांव या कस्बा: यहां के ग्राहक पारंपरिक मान्यता के कारण ग्रहण को अशुभ मानकर खरीदारी से बच सकते हैं.
- शहर या मॉल: आधुनिक दृष्टिकोण वाले ग्राहक पर ग्रहण का असर न के बराबर होगा, इसलिए दुकान खुली रखने से नुकसान नहीं.
- किराना या दैनिक उपयोग की दुकानें: ऐसी दुकानों को खोलना ही बेहतर, क्योंकि ग्रहण रात को है और दिन का व्यापार सामान्य रहेगा.
राशियों पर असर
ग्रहण का चंद्र प्रभाव सिंह और कन्या राशि में रहेगा. यह व्यापार में थोड़ा उतार-चढ़ाव ला सकता है. व्यापारी वर्ग को सलाह है कि नए सौदे या बड़े निवेश से बचें, मगर सामान्य लेन-देन पर कोई रोक नहीं है. नए निवेश या बड़ी डील से बचें, बाकी सामान्य लेन-देन कर सकते हैं.