Husband Wife Romance in Islam: इस्लाम धर्म में प्रेम की अवधारणा एक महत्वपूर्ण अमूर्त विचार है. अल्लाह ने सभी को प्रेम करने और प्रेम पाने की क्षमता प्रदान की है. इसके साथ ही उन्होंने ऐसे रिश्तों की तलाश करने को कहा है, जो स्नेह और दया की भावना पर आधारित हो.
कुरान में अल्लाह ने फरमाया है कि, उसने तुम्हारे लिए तुम्हारे ही जैसे जोड़े बनाए हैं ताकि तुम शांति और सुकून से रह सको, और उसने तुम्हारे बीच प्रेम और दया की भावना का बंधन भी स्थापित किया है.
पत्नी को स्नेहपूर्वक चूमना
हदीस में लिखा है कि, पैगंबर मुहम्मद (स) जब नमाज के लिए जाते तो, अपनी पत्नी को प्रेमपूर्वक चूमते थे. इस मर्म का मतलब है कि, इस्लाम धर्म में प्यार और स्नेह दिखाना मना नहीं है, बल्कि इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है.
पत्नी को प्यार से उपनाम से पुकारना
हदीस की रिवायतों में देखने को मिलता है कि, पैगंबर मुहम्मद (स) अपनी पत्नी आयाश (रज़ि.) को प्यार से हुमैरा कहकर पुकारते थे. अल्लाह की इस बात से यही शिक्षा मिलती है कि, पति-पत्नी के रिश्तों में प्यार उपनाम उनके प्रेम जीवन को मजबूत करता है.
एक ही कप से पानी पीना
सुनन अन-नसाई और अन्य हदीसों में इस बात का जिक्र मिलता है कि, पैगंबर मुहम्मद (स) अपनी पत्नी हज़रत आयशा (रज़ि.) के साथ के साथ बड़े ही सम्मान के साथ पेश आते थे. हदीस की एक रिवायत में हजरत आयशा (रज़ि.) बताती हैं कि, पैगंबर मुहम्मद (स) उसी प्याले से पानी पिया करते थे, जिस प्याले से मैंने पिया होता था.
उनकी इस बात से शादीशुदा लोगों को यही शिक्षा लेनी चाहिए कि, पति-पत्नी के बीच प्रेम, स्नेह, आत्मीयता और समानता दिखाने को इस्लाम में इबादत की नजर से देखा जाता है.
घर के कामों में मदद करना
सहीह बुखारी की हदीस में हज़रत आयशा (रज़ि.) ने फरमाया है कि,रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) घर के कामों एक दूसरे की मदद किया करते थे. वह अपने कपड़े खुद सिलते, जूते मरम्मत करते और घर के बाकी कामों में हाथ बंटाते थे और जब नमाज का समय होता तो निकल जाया करते थे.
पत्नी के साथ सम्मान से पेश आना
जामि़ अत-तिर्मिज़ी, हदीस 2612 में दर्ज है कि, ईमान वालों में सबसे अधिक ईमान वाला वो बंदा है, जो अपने परिवार खासकर पत्नी के साथ दया और भलाई के साथ पेश आता है. उनका यह संदेश याद दिलाता है कि, इस्लाम में केवल इबादत करना ही नहीं, बल्कि परिवार के साथ दया और अच्छा व्यवहार करना भी ईमान का काम हैं.
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