Cardio vs Strength Training: आजकल फिटनेस को लेकर लोगों में जागरूकता काफी बढ़ गई है. जिम जॉइन करने से लेकर हेल्दी डाइट तक, हर कोई अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहता है. लेकिन जैसे ही बात आती है वर्कआउट की, एक बड़ा सवाल हमेशा सामने खड़ा हो जाता है कि कार्डियो (Cardio) बेहतर है या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Strength Training)? वेट लॉस में इन दोनों में से क्या ज्यादा फायदेमंद है, इसे लेकर लोगों के दिलों-दिमाग में काफी सवाल आते हैं, जिनके जवाब वो तलाशते रहते हैं.
अगर आप भी इस दुविधा में फंसे है कि कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में से वजन घटाने के लिए क्या बढ़िया है तो आपको अपने इस सवाल का जवाब हमारे इस आर्टिकल में मिलने वाला है. कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग को लेकर Aajtak.in ने हनी सिंह के ट्रेनर रहे जाने-माने सेलिब्रिटी फिटनेस कोच अरुण कुमार से खास बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग दोनों में से कौन-सी एक्सरसाइज बेहतर है. अरुण कुमार ने कहा, कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग दोनों ही एक्सरसाइज के अपने-अपने फायदे हैं, मगर दोनों को बैलेंस के साथ करने से असली रिजल्ट मिलता है.
कार्डियो एक्सरसाइज क्यों जरूरी है?
कोच अरुण ने बताया कि कार्डियो ट्रेनिंग जो होती है वो आपके हार्ट हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है. इसके साथ ही ये वेट मैनेजमेंट करने के लिए भी परफेक्ट है और स्टैमिना भी इससे बैलेंस रहता है. कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज आपके शरीर और दिल के लिए बहुत फायदेमंद होती है, ऐसे में कोर्डियो अपनी जगह सुपरबेस्ट है.
- इससे हार्ट हेल्थ को मजबूती मिलती है.
- कार्डियो से वेट मैनेजमेंट ठीक रहता है.
- शरीर का स्टैमिना और एंड्यूरेंस बढ़ाती है.
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखती है.
- पूरे दिन एनर्जेटिक और एक्टिव फील कराती है.
स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग करने के क्या फायदे हैं?
कार्डियो के साथ स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग करते हैं तो आपकी मसल्स टोन्ड होती है और आप स्ट्रॉन्ग फील करते हैं. आपके अंदर स्ट्रेंथ लेवल बढ़ता है जिससे आप ज्यादा वेट उठा सकते हैं, जिससे आप अपनी मसल्स को टोन कर पाते हैं.
- स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और फैट जल्दी बर्न होता है.
- ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों की कमजोरी से बचाता है.
- स्ट्रेस, एंग्जायटी को कम करके कॉन्फिडेंस को बढ़ता है.
अरुण कुमार के मुताबिक, अगर आप केवल कार्डियो करते हैं तो वेट लॉस तो हो जाएगा लेकिन आपकी बॉडी ढीली और कम टोंड लग सकती है. वहीं, सिर्फ स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग करने पर हार्ट और स्टैमिना पर असर पड़ सकता है. इसलिए सबसे बेहतर है कि आप दोनों का कॉम्बिनेशन करें. अगर 40% कार्डियो और 20% स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग करते हैं तो ये बैलेंस आपको एक फिट, टोंड और स्ट्रॉन्ग बॉडी देगा.
कोच का मानना है कि सिर्फ वजन घटाना ही फिटनेस नहीं है, अगर आप हेल्दी, फिट और प्रेजेंटेबल बॉडी चाहते हैं तो कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग दोनों को अपनी वर्कआउट रूटीन में जरूर शामिल करें. जहां कार्डियो आपके दिल और स्टैमिना को मजबूत बनाता है. वहीं, स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग आपकी मसल्स को शेप और स्ट्रॉन्ग करती है.
ट्रेनर तेजस ललवानी ने बताया क्या है जरूरी?
फिल्म ‘छावा’ के लिए विक्की कौशल की ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर तेजस ललवानी ने Aajtak.in को बताया, सच यह है कि कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग दोनों का ही अपनी जरूरत है. तो सिर्फ ये कहना की एक चीज सबसे ज्यादा जरूरी है तो ये बहुत गलत हो जाएगा. एक बैलेंस्ड स्ट्रैटेजी बनाना जरूरी है, जिसमें स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग और कार्डियो दोनों का सही मात्रा में कॉम्बिनेशन हो, क्योंकि इन दोनों का कॉम्बिनेशन सबसे बेस्ट वर्क करता है. कब, कितना और किस तरह का वर्कआउट करना है, यह आपके फिटनेस गोल, डाइट, और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है.
समय के साथ, हफ्ते-दर-हफ्ते और महीने-दर-महीने इस स्ट्रैटेजी में बदलाव और सुधार किए जा सकते हैं. फिटनेस कोई वन-टाइम प्लान नहीं है, बल्कि यह एक डेवलपमेंट प्रोसेस है, जिसमें कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग का कॉम्बिनेशन ही लंबे समय तक बेस्ट रिजल्ट देता है. हर इंसान की लाइफस्टाइल, डाइट और नींद अलग होती है. इसलिए हर दिन एक जैसा वर्कआउट करना पॉसिबल नहीं है. इसी वजह से जरूरी है कि कार्डियो और स्ट्रेंग्थ ट्रेनिंग का एक कॉम्बिनेशन बनाया जाए, जिसे समय और जरूरत के हिसाब से एडजस्ट किया जा सके.
वजन कंट्रोल के लिए क्या है जरूरी?
तेजस ललवानी ने कहा, जब आप वेट मैनेजमेंट (यानी वजन कंट्रोल) की बात करते हैं तो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो दोनों का बैलेंस होना बहुत जरूरी है. रेजिस्टेंस ट्रेनिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जैसे डंबेल, केबल, बार्बेल, केटलबेल या रेजिस्टेंस बैंड से एक्सरसाइज मसल्स को मजबूत बनाती है. इसके साथ ही ये आपके मेटाबॉलिक हेल्थ के अंदर भी प्लस आपकी जॉइंट्स के लिए बढ़िया है और इसे सही डाइट के साथ करने से मसल्स गेन और फैट लॉस दोनों मिल सकते हैं.
आपकी बॉडी में स्केलेटल मसल्स (हड्डियों से जुड़ी मांसपेशियां) के अलावा एक और बहुत अहम मसल होती है, कार्डियोवैस्कुलर मसल यानी आपका दिल. ये पूरे शरीर में ब्लड फ्लो को सही तरीके से पहुंचाने का काम करता है. इसलिए दिल को भी ट्रेन करना उतना ही जरूरी है जितना मसल्स को. इसके लिए आप कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं, जिसे लो इंटेंसिटी (जैसे वॉकिंग), मॉडरेट इंटेंसिटी (जैसे जॉगिंग या साइक्लिंग) और हाई इंटेंसिटी (स्प्रिंटिंग) लेवल में किया जा सकता है. अगर आपका गोल फैट लॉस है तो कार्डियो इसमें बहुत अहम रोल निभाता है क्योंकि ये ज्यादा कैलोरी बर्न करता है और बॉडी फैट को कम करने में मदद करता है.
—- समाप्त —-