पीरियड्स के दौरान होने वाला तेज दर्द को ज्यादातर महिलाएं नॉर्मल समझ कर इग्नोर कर देती हैं. लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. ऐसी ही एक समस्या है एंडोमेट्रियोसिस जो भारत में अलग-अलग उम्र की महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है. यह बीमारी न सिर्फ महिलाओं के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि इसका असर प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है. गायनोलॉजिस्ट डॉ. निशा बुचाडे के अनुसार, ‘महिलाओं को पीरियड दर्द को सामान्य मानकर सहना नहीं चाहिए. यह एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है, जिसका समय रहते जांच और इलाज करना बेहद जरूरी है.’
डॉ. बुचाडे कहती हैं कि हाल ही में 39 साल की एक महिला कई महीनों से तेज पेट दर्द झेल रही थीं. वह जब वह हमारे पास आईं तो उसे इतना तेज दर्द था कि वह सहन नहीं कर पा रही थीं. साथ ही उन्हें पोर्टल वेन थ्रोम्बोसिस था, जिसके कारण वह ब्लड थिनर दवाएं ले रही थीं. जांच के लिए किए गए सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड से पता चला कि उनके पेट में अंदरूनी खून बह रहा है. मरीज ब्लड थिनर दवाएं ले रही थीं, फिर भी उन्हें दर्द इतना ज्यादा था कि उन्होंने तुरंत इलाज की मांग की. जांच करने पर पता चला कि उनकी बड़ी एंडोमेट्रियोसिस सिस्ट फट गई थी जो एंडोमेट्रियोसिस बीमारी का गंभीर रूप है.
एंडोमेट्रियोसिस है क्या?
‘एंडोमेट्रियोसिस एक लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है, जिसमें यूट्रस के बाहर उसके जैसा ही टिश्यू बनने लगता है.यह ज्यादातर ओवरी, फैलोपियन ट्यूब और पेल्विक एरिया को प्रभावित करता है. ये टिश्यू गोंद की तरह इंटरनल ऑर्गन्स से चिपक जाते हैं. इसकी वजह से उस जगह पर दर्द, सूजन की समस्या हो हकती है. पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होने से यह समस्या और बढ़ जाती है.
‘यह समस्या ज्यादातर 20 और 30 की साल की महिलाओं में देखी जाती है, लेकिन आजकल 40 की उम्र में भी इसके केस सामने आ रहे हैं. इसका सही कारण अभी तक पता नहीं है, लेकिन परिवार में किसी को यह समस्या रही हो तो रिस्क बढ़ जाता है. केरल और बंगाल जैसे राज्यों में इसके मामले ज्यादा हैं, लेकिन अब पूरे भारत में यह बीमारी तेजी से सामने आ रही है. अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह इनफर्टिलिटी, अंडों की खराब क्वालिटी, AMH स्तर कम होना और फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. जिसके कारण महिलाओं को मां बनने में समस्या हो सकती है.’
डॉ. बुचाडे महिलाओं को सलाह देते हुए कहती हैं कि पीरियड्स के दौरान बेहद तेज या बार-बार होने वाले दर्द को महिलाओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करनी चाहिए. अगर समय पर जांच हो जाए तो प्रेग्नेंसी की संभावना बनी रहती है और महिलाओं का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है. ऐसे में अगर आपको भी पीरियड्स के दौरान दर्द ज्यादा होता है तो डॉक्टर से कंसल्ट करना न भूलें.
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