Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि में माता रानी प्रसन्न होने पर देती हैं ये 5 संकेत! जानिए इसके बारे में

Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि में माता रानी प्रसन्न होने पर देती हैं ये 5 संकेत! जानिए इसके बारे में



Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि हिंदू धर्म के सभी त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है और हमारी सनातनी हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है.

ये नौ रूप हैं, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री. हर दिन एक विशेष देवी के रूप की पूजा की जाती है और उनकी पूजा करने से भक्तों को विभिन्न प्रकार के फल और वरदान मिलते हैं, जैसे सुख-समृद्धि, ज्ञान और शक्ति.

मां दुर्गा के प्रसन्न होने के ये पांच संकेत हैं!

घर में खुशियों का माहौल बने रहना, परिवार में एकता बनी रहना, शुभ समाचार मिलना, घर के मंदिर में छिपकली का दिखना और शंख या घंटियों की आवाज सुनाई देना. अगर आपको ये संकेत दिखें तो यह समझना चाहिए कि मां दुर्गा आपसे प्रसन्न हैं और आप पर उनका आशीर्वाद बना हुआ है.

मां दुर्गा के प्रसन्न होने के 5 संकेत

घर में खुशियों का माहौल
अगर नवरात्रि के दौरान आपके घर में हंसी-खुशी का माहौल बना हो, सदस्यों के बीच मेलजोल हो और कोई वाद-विवाद न हो रहा हो, तो यह मां दुर्गा के आशीर्वाद का संकेत माना जाता है.

शुभ समाचार मिलना
नवरात्रि के दौरान कोई अच्छा या शुभ समाचार मिलना भी देवी दुर्गा के प्रसन्न होने का संकेत हो सकता है.

परिवार में एकता
घर परिवार में एकता, भाईचारे और खुशी का वातावरण होना मां जगदंबा के आशीर्वाद का प्रतीक है.

घर में छिपकली का दिखना
नवरात्रि के दौरान अगर घर के मंदिर में छिपकली दिख जाए, तो इसे मां लक्ष्मी के आगमन और देवी दुर्गा की कृपा का शुभ संकेत माना जाता है. 

शंख या घंटियों की आवाज
नवरात्रि के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में या किसी भी समय शंख या घंटियों की आवाज सुनाई देना एक बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है. इसका अर्थ है कि माता रानी आपकी भक्ति से प्रसन्न हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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