Period Chocolate Craving: महिलाओं के शरीर में पीरियड्स के दौरान कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं. इन बदलावों में सबसे आम अनुभवों में से एक है मीठा खाने की क्रेविंग. यह सिर्फ मनोवैज्ञानिक नहीं बल्कि हार्मोनल और शारीरिक बदलावों से जुड़ा होता है. चलिए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है, इसको लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
हार्मोनल बदलाव और मीठे की क्रेविंग
पीरियड्स से पहले और दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बदलता है. प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने से ब्लड शुगर यानी रक्त में शर्करा का स्तर थोड़ा कम हो सकता है. इस कमी को पूरा करने के लिए शरीर मीठा खाने का संकेत भेजता है. इसलिए चॉकलेट, केक, मिठाई या फ्रूट्स की क्रेविंग होना सामान्य है.
एंडोर्फिन और खुशी का संबंध
पीरियड्स के दौरान दर्द, ऐंठन और मूड स्विंग्स आम हैं. शरीर इस दौरान स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को रिलीज करता है. मीठा खाने से ब्रेन में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे मूड बेहतर होता है और दर्द या तनाव कम महसूस होता है. यही वजह है कि कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान चॉकलेट या मीठा खाने का मन करती हैं.
ब्लड शुगर का स्तर और ऊर्जा की कमी
मासिक धर्म के दौरान महिला का शरीर अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करता है और रक्त में लोहे की कमी या थकान महसूस हो सकती है. मीठा खाना तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और थकान कम करने में मदद करता है. इसलिए शरीर अपने आप मीठा खाने के लिए संकेत भेजता है.
मनोवैज्ञानिक कारण
पीरियड्स में मूड स्विंग्स, चिंता और उदासी बढ़ सकती है. मीठा खाना एक तरह का कंफर्ट फूड बन जाता है. यह मन को खुश रखने और तनाव कम करने का एक प्राकृतिक तरीका है. कुछ शोधों में यह भी पाया गया है कि मीठा खाने से डोपामाइन हार्मोन रिलीज होता है, जिससे खुशी का एहसास होता है.
क्रेविंग को कैसे संतुलित करें
मीठा खाने की क्रेविंग सामान्य है, लेकिन इसे संतुलित करना जरूरी है. फल, ड्राई फ्रूट्स, योगर्ट या हल्का मीठा जैसे विकल्प अपनाए जा सकते हैं. पर्याप्त पानी पीना और संतुलित आहार लेना भी मदद करता है. चीनी की अधिकता से ब्लड शुगर अचानक बढ़ता और गिरता है, जिससे मूड स्विंग्स और थकान बढ़ सकती है. पीरियड्स के दौरान मीठा खाने की क्रेविंद पूरी तरह सामान्य है और इसका कारण हार्मोनल बदलाव, ब्लड शुगर का स्तर, मस्तिष्क में एंडोर्फिन का रिलीज होना और मानसिक तनाव से जुड़ा होता है. इस क्रेविंग को संतुलित तरीके से पूरा करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.