अजमोदा क्या है
अजमोदा एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है, जो अजवाइन से मिलता-जुलता दिखता है। इसके बीज, पत्ते, जड़ और तेल का प्रयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। आयुर्वेद में यह पाचन, संधिवात, गैस, बवासीर, पथरी, खांसी, बुखार और त्वचा रोगों के लिए उपयोगी मानी जाती है।
अजमोदा के प्रमुख औषधीय फायदे
1. पाचन तंत्र को मजबूत करता है
-
गैस, अफारा, अपच और कब्ज में फायदेमंद
-
भूख बढ़ाने में सहायक
-
पेट दर्द और पेचिश में असरदार
2. जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत
-
गठिया, संधिवात और वात रोगों में उपयोगी
-
अजमोदा का तेल जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करता है
3. खांसी और गले के विकारों में लाभकारी
-
सूखी खांसी, गले की खराश, स्वर बैठने में असरदार
-
गरारे या पान के पत्ते में लेकर सेवन किया जाता है
4. हिचकी और उल्टी को नियंत्रित करता है
-
मुँह में बीज रखने या शहद के साथ सेवन करने से राहत
-
औषधीय सेवन से उल्टी बंद होती है
5. दांत और मसूड़ों के रोगों में उपयोगी
6. बवासीर और मूत्र संबंधी रोगों में लाभ
7. पथरी में उपयोगी
-
मूली के पत्ते के रस के साथ सेवन करने से पथरी गल सकती है
-
पेशाब खुलकर आता है
8. त्वचा रोग और घाव भरने में उपयोगी
9. बुखार और संक्रमण में लाभकारी
-
पुराने बुखार को कम करता है
-
शीतपित्त, कोढ़ जैसी समस्याओं में प्रयोग होता है
अजमोदा के उपयोग के पारंपरिक तरीके
समस्या | प्रयोग |
---|---|
गैस, अपच | अजमोदा + सोंठ + गुड़ गुनगुने पानी के साथ |
हिचकी | 10-15 बीज मुँह में चूसना |
पेट दर्द | अजमोदा + काला नमक गुनगुने पानी के साथ |
बवासीर | अजमोदा को गर्म कर मस्सों पर सेंक देना |
मूत्र रुकावट | अजमोदा की जड़ का चूर्ण पानी के साथ |
पथरी | अजमोदा + यवक्षार + मूली का रस |
अजमोदा के नुकसान (सावधानियाँ)
-
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सेवन नहीं करना चाहिए
-
अत्यधिक सेवन से एलर्जी, त्वचा पर सूजन हो सकती है
-
रक्तस्राव की समस्या वाले व्यक्तियों को इससे परहेज करना चाहिए
-
लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को सेवन नहीं करना चाहिए
-
बिना चिकित्सकीय सलाह के सेवन से बचें
निष्कर्ष
अजमोदा एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जो पेट, जोड़, मूत्र, त्वचा, पाचन, बुखार और अन्य कई रोगों में उपयोगी सिद्ध होती है। लेकिन इसका सेवन उचित मात्रा और सही विधि से ही करना चाहिए। किसी भी बीमारी के लिए इसे लेने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।