Viral Infection In NCR: दिल्ली में तेजी से फैल रहा यह खतरनाक वायरल, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को है खतरा

Viral Infection In NCR: दिल्ली में तेजी से फैल रहा यह खतरनाक वायरल, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को है खतरा



HFMD outbreak Delhi: दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा के क्लीनिक और अस्पतालों में इन दिनों हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (HFMD) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना पांच से छह नए मरीज सामने आ रहे हैं. बुखार और रैशेज (फुंसियां/चकत्ते) से पहचान में आने वाला यह वायरल बच्चों के बीच तेजी से फैल रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादातर मामलों में यह हल्का संक्रमण होता है, लेकिन सतर्क रहना बेहद जरूरी है.

क्या है हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज?

HFMD एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर कॉक्ससैकीवायरस A16 और एंटरोवायरस-71 से होती है. यह बीमारी गंदे हाथों, संक्रमित सतहों या सीधे संपर्क से फैलती है. मानसून के मौसम में यह वायरस ज्यादा एक्टिव हो जाता है, इसलिए इस समय मामले तेजी से बढ़ते हैं. यह इंफेक्शन बच्चों के बीच जल्दी फैलता है, खासकर स्कूलों, डे-केयर और प्लेग्रुप जैसी जगहों पर.

लक्षण जिनसे रहें सतर्क

डॉक्टरों के मुताबिक, वायरस के संपर्क में आने के 3-5 दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं.

  • हल्का से मध्यम बुखार
  • गले में खराश और निगलने में दिक्कत
  • भूख कम लगना
  • थकान या चिड़चिड़ापन (खासकर छोटे बच्चों में)
  • मुंह में दर्दनाक छाले या लाल दाने
  • हाथ-पैरों, घुटनों, कोहनियों या नितंबों पर लाल रैशेज/फफोले
  • हल्का सिरदर्द और बदन दर्द

एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर मोहन बैरवा बताते हैं कि “मुंह के छाले और रैशेज़ अक्सर एक साथ नहीं आते. कभी-कभी यह अलग-अलग दिन में दिखाई देते हैं. ज्यादातर बच्चे एक हफ्ते से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं.”

कैसे फैलता है वायरस?

यह वायरस लार, नाक से निकलने वाले सांस, छालों के पानी और यहां तक कि मल के जरिए भी फैल सकता है. बच्चे अक्सर खिलौनों और सतहों को साझा करते हैं, जिससे संक्रमण तेजी से एक से दूसरे में चला जाता है. डॉ मोहन बैरवा बताते हैं कि “संक्रमण के लक्षण दिखने से पहले ही यह वायरस दूसरों तक फैल सकता है. कुछ बच्चे बिना लक्षण दिखाए भी वायरस फैला सकते हैं.”

किन्हें ज्यादा खतरा?

  • 5 साल से छोटे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती.
  • हालांकि, बड़े बच्चे, किशोर और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्क भी संक्रमित हो सकते हैं.

इलाज और सावधानियां

HFMD के लिए अभी कोई विशेष दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. यह वायरल बीमारी है, इसलिए एंटीबायोटिक का असर नहीं होता. इलाज मुख्य रूप से लक्षणों को कम करने और मरीज को आराम देने पर आधारित है, जैसे कि-

  • बुखार और दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन दी जा सकती है.
  • बच्चे को पर्याप्त तरल पदार्थ दिए जाएं ताकि डिहाइड्रेशन न हो.
  • गले के दर्द को कम करने के लिए गुनगुने पानी से गरारे या सूदिंग स्प्रे का इस्तेमाल करें.
  • मसालेदार, खट्टे और गर्म पेय से परहेज करें.

दिल्ली-एनसीआर में तेजी से फैल रहा यह वायरल बच्चों के लिए खतरा है, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले बड़े भी इससे बच नहीं पा रहे हैं. ऐसे में स्कूलों, परिवारों और समाज को सतर्क रहने की जरूरत है. साफ-सफाई, हाथ धोने की आदत और संक्रमित बच्चों को आइसोलेट करना ही फिलहाल सबसे बड़ा बचाव है.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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