कभी मुसीबत पर ट्रंप ने मेड-इन-इंड‍िया दवा के लिए किया था कॉल…अब US ने मेड‍िस‍िन पर लगाया 100% टैक्स – Trump India call Hydroxychloroquine COVID Pharma US Tariff Branded Drugs ntcpmm

कभी मुसीबत पर ट्रंप ने मेड-इन-इंड‍िया दवा के लिए किया था कॉल…अब US ने मेड‍िस‍िन पर लगाया 100% टैक्स – Trump India call Hydroxychloroquine COVID Pharma US Tariff Branded Drugs ntcpmm


अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर से आयातित ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाओं पर 100% टैक्स लगाने की घोषणा की है. इसका मकसद अमेरिकी कंपनियों को देश में दवा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना और विदेशों पर निर्भरता कम करना है. सोच‍िए, एक वो भी वक्त था जब 2020 में ट्रंप ने कोविड-19 के दौरान भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन मंगाई थी. उस वक्त ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ग्रेट’ और ‘रियल गुड’ कहकर आभार जता रहे थे. 

कभी इस दवा के लिए ट्रंप ने किया था कॉल

साल 2020 में दुनिया में नया वायरस फैला था और कोई पुख्ता दवा नहीं थी. तब मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोविड मरीजों के इलाज में शामिल किया गया. ICMR ने भी कुछ मामलों में इसे इस्तेमाल करने की सलाह दी थी. ट्रंप ने उस समय कहा था कि मैंने आज सुबह भारत के प्रधानमंत्री मोदी से बात की. भारत बड़ी मात्रा में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन बनाता है. भारत इसे गंभीरता से देख रहा है.

लेकिन उस समय अमेरिका में 3.6 लाख कोविड केस और करीब 10,000 मौतें हो चुकी थीं. ट्रंप ने भारत को धमकी भी दी थी कि अगर दवाइयां नहीं मिलीं तो जवाबी कार्रवाई होगी. बाद में उन्होंने रुख बदल लिया और दिसंबर 2021 में कहा कि मैंने लाखों डोज खरीदी. 29 मिलियन से ज्यादा. मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की, बहुत सी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन भारत से आई. उन्होंने बहुत अच्छा सहयोग किया. बता दें कि पहली खेप गुजरात से अमेरिका भेजी गई, तब अमेरिका में 4 लाख से ज्यादा केस और 13,000 से ज्यादा मौतें रिकॉर्ड हो चुकी थीं. 

नए टैक्स का भारत की दवा एक्सपोर्ट पर असर

भारत अमेरिका को अपनी दवाओं का तीसरा हिस्सा एक्सपोर्ट करता है. ज्यादातर दवाएं जेनेरिक हैं इसलिए नए टैक्स से उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होगा. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि स्पेशलिटी और कॉम्प्लेक्स जेनेरिक दवाओं पर इस टैक्स का असर पड़ सकता है. FY24 में भारत ने अमेरिका को 8.7 बिलियन डॉलर (करीब 76,113 करोड़ रुपये) की दवाएं भेजीं जो भारत के कुल एक्सपोर्ट का 11% है. Choice Institutional Equities के मुताबिक, ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाओं पर 100% अमेरिकी टैक्स से भारतीय फार्मा कंपनियों को नुकसान हो सकता है. अमेरिका भारत की दवा एक्सपोर्ट का लगभग 35% हिस्सा लेता है, जो FY25 में 10 बिलियन डॉलर के करीब है.

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