Indresh Upadhyay: शास्त्रों के अनुसार जीवन के चार पुरुषार्थों (लक्ष्यों) धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में गृहस्थ जीवन की अहम भूमिका होती है, और गृहस्थी तभी सुखी हो सकती है, जब आपको समझदार, संस्कारी और धर्मपरायण जीवनसाथी की प्राप्ति हो.
यही कारण है कि, पौराणिक ग्रंथों में बार-बार बताया गया है कि, जब भगवान से पत्नी मांगे तो कैसी पत्नी मांगनी चाहिए. शादी कोई साधारण बात नहीं है, बल्कि यह आपके पूरे जीवन को बदलने में सक्षम रखता है. इसी को लेकर वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने बताया है कि, भगवान से किस प्रकार की पत्नी मांगनी चाहिए?
भगवान से किस प्रकार की पत्नी मांगे?
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने एक कथा के दौरान बताया कि, जिन लोगों का ब्याह नहीं हुआ है, उन्हें भगवान से अगर पत्नी मांगनी हो तो किस प्रकार की मांगनी चाहिए?
उन्होंने कहा कि, अविवाहित पुरुषों को श्री पंढरीनाथ भगवान की भक्ति करना चाहिए. संभव हो तो प्रत्येक एकादशी को इनके मंदिर जाना शुरू कर दीजिए. एक वर्ष में आने वाली प्रत्येक एकादशी को व्रत का संकल्प लेकर श्री पंढरीनाथ भगवान के दर्शन करने जरूर जाएं.
साल की आखिरी एकादशी पर करें ये प्रार्थना
साल की आखिरी एकादशी के मौके पर श्री पंढरीनाथ भगवान से प्रार्थना करते हुए कहना कि, हे नाथ! मैं आपसे जितना प्रेम करता हूं, आपके प्रति जितना दुलार करता हुं और आपके प्रति जो प्रेम भावना रखता हूं, मुझे से भी ज्यादा आपको प्रेम करने वाली एक कन्या इस एकादशी व्रत के फलस्वरूप मुझे पत्नी के रूप में दे दीजिए.
आप भगवान से प्रार्थना कीजिए कि, मेरी होने वाली पत्नी मुझे से भी ज्यादा आपकी भक्त हो और आपके प्रति प्रेम भावना रखती हो. इस बात का प्रमाण श्रीमद्भगवद में भी देखने को मिल जाता है.
कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय महाराज?
इंद्रेश उपाध्याय वृंदावन के रहने वाले एक कथावाचक हैं, जो अपनी कथाओं के जरिए श्रीमद्भगवद का अमूल्य ज्ञान भक्तों से साझा करते हैं. कथावाचक होने के साथ वह एक आध्यात्मिक गुरु और भजन गायक भी है. उन्होंने बी प्राक के साथ ‘राधा गोरी-गोरी’ भजन गाया है, जो इंटरनेट पर काफी वायरल है.
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