फाइनल में करेगा चमत्कार…, तिलक नहीं इस प्लेयर पर था कोच गंभीर को पूरा भरोसा, कप्तान सूर्यकुमार का खुलासा

फाइनल में करेगा चमत्कार…, तिलक नहीं इस प्लेयर पर था कोच गंभीर को पूरा भरोसा, कप्तान सूर्यकुमार का खुलासा



28 सितंबर का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में दशकों तक याद रखा जाएगा. इसी दिन टीम इंडिया ने एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों को बिना ट्रॉफी ही वापस लौटना पड़ा. इस खिताबी भिड़ंत में चोट के कारण हार्दिक पांड्या नहीं खेल पाए. ऐसे में गौतम गंभीर ने ऐसी रणनीति बनाई, जिसने भारत को एशिया कप चैंपियन बनाकर ही दम लिया. कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खुद यह खुलासा किया है.

भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रेवस्पोर्ट्ज से वार्ता के दौरान बताया कि वो गौतम गंभीर की रणनीतियों पर बहुत भरोसा करते हैं. उन्होंने बताया कि कैसे हार्दिक पांड्या की जगह शिवम दुबे की एंट्री हुई. गौतम गंभीर को पूरा भरोसा था कि दुबे अहम मौके पर अहम साबित होंगे और असल में ऐसा ही हुआ.

गौतम गंभीर पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं सूर्यकुमार

सूर्यकुमार यादव ने बताया, “मैं प्रत्येक 2-3 ओवर बाद जब डगआउट की तरफ देखता हूं, तो उनके पास हमेशा मेरे लिए कुछ ना कुछ होता है. क्योंकि मैदान के बाहर से मैच बहुत अलग दिखता है. मेरे दिमाग में बहुत सी चीजें चल रही होती हैं, किससे गेंदबाजी करवानी हैं और फील्डिंग कैसे लगानी है. वो बाहर बैठकर जो भी इशारा करते हैं, मैं बिना सोचे-समझे वो कर देता हूं. हम दोनों एक-दूसरे पर इतना भरोसा करते हैं.”

गौतम गंभीर की रणनीति ने किया कमाल

सूर्यकुमार ने आगे यह भी बताया कि दुर्भाग्यवश हार्दिक पांड्या चोट के कारण फाइनल मैच नहीं खेल पाए. उन्होंने बताया कि हार्दिक के बाहर होने से टीम को एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत थी, क्योंकि गिल और अभिषेक बहुत शानदार बैटिंग कर रहे थे, लेकिन कभी भी किसी का भी दिन खराब हो सकता है.

सूर्यकुमार यादव ने कहा, “कभी भी टीम 20 पे 3 या 40 पे 4 विकेट गंवा सकती है. क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. इसलिए हमें एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि शिवम दुबे यह जिम्मेदारी लेंगे. मैंने उनसे पूछा, ‘क्या आपको विश्वास है.’ उन्होंने दुबे पर पूरा भरोसा दिखाया और हमने उन्हीं के फैसले को हरी झंडी दिखाई.”

शिवम दुबे वाकई में अहम मौके पर बड़ी पारी खेल, भारत की जीत के बड़े हीरो साबित हुए. शिवम दुबे तब बैटिंग करने आए जब भारत ने 77 के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे. टीम को अब भी जीत के लिए 70 रन और बनाने थे. दुबे ने दबाव भरी स्थिति में 22 गेंद में 33 रन बनाए और तिलक वर्मा के साथ 60 रनों की मैच विनिंग पार्टनरशिप की.

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