उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अकरम, सफ़ील, मोहम्मद तौहीद और कासिम नामक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करके देश में शरीयत कानून लागू करना चाहते थे.
यूपी एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, चारों आरोपी पाकिस्तान स्थित संगठन के संपर्क में थे और गैर-मुस्लिम धार्मिक प्रमुखों की टारगेट किलिंग की योजना बना रहे थे. इसके अलावा, ये लोग समान विचारधारा वाले लोगों को रेडिकलाइज करके अपने नेटवर्क में जोड़ने का काम कर रहे थे.
एटीएस ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल भेज दिया है. जांच में यह सामने आया है कि यह गिरोह देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने और आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था.
यूपी एटीएस संदिग्धों से कर रही पूछताछ
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि समय रहते की गई कार्रवाई से बड़ी साजिश को रोका गया. उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या एटीएस को दें.
यह गिरफ्तारी यूपी पुलिस और एटीएस की सतर्कता और गहन जांच का परिणाम है. आगामी दिनों में पुलिस और एटीएस आरोपियों से और साक्ष्य जुटाने और उनके नेटवर्क को पूरी तरह समाप्त करने के लिए कार्रवाई जारी रखेंगे.
एटीएस ने संदिग्धों को कैसे दबोचा?
यूपी एटीएस (उत्तर प्रदेश एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) का रोल राज्य में आतंकवाद और उससे जुड़ी गतिविधियों को रोकना और नाकाम करना है. यह संगठन आतंकवादी नेटवर्क का पता लगाने, कट्टरपंथ और रेडिकलाइजेशन से जुड़े मामलों की जांच करने तथा देशविरोधी साजिशों को विफल करने का काम करता है.
एटीएस समय-समय पर संदिग्धों पर नज़र रखती है, गुप्त सूचना जुटाती है और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करती है. इसका उद्देश्य राज्य की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाना, बड़े हमलों या टारगेट किलिंग जैसी घटनाओं को रोकना और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यूपी एटीएस राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर आतंकवाद विरोधी अभियानों को सफल बनाती है.
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