Jhajjar Bahadurgarh Olympian Wrestler Deepak Punia ring ceremony | ओलिंपियन दीपक पुनिया ने की रिंग सेरेमनी: जल्द होगी शादी, पिता के दोस्त की बेटी से रिश्ता; बहादुरगढ़ में हुआ कार्यक्रम – bahadurgarh (jhajjar) News

Jhajjar Bahadurgarh Olympian Wrestler Deepak Punia ring ceremony | ओलिंपियन दीपक पुनिया ने की रिंग सेरेमनी: जल्द होगी शादी, पिता के दोस्त की बेटी से रिश्ता; बहादुरगढ़ में हुआ कार्यक्रम – bahadurgarh (jhajjar) News


बहादुरगढ़ के गांव छारा के ओलिंपियन पहलवान दीपक पुनिया की गांव निलौठी निवासी आंशी के साथ हुई रिंग सेरेमनी का फोटो।

हरियाणा के झज्जर जिले से बहादुरगढ़ के गांव छारा के अंतरराष्ट्रीय पहलवान और ओलिंपियन दीपक पुनिया जल्द ही शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। रविवार को बहादुरगढ़ के एक बैंक्वेट हॉल में उनकी रिंग सेरेमनी झज्जर जिले के ही निलौठी गांव निवासी शिवानी के साथ ह

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यह कार्यक्रम पूरी तरह पारिवारिक माहौल में संपन्न हुआ, जिसमें दोनों परिवारों और करीबी मित्रों ने शिरकत की। शिवानी (23) फिलहाल पढ़ाई कर रही हैं। उनके पिता खेतीबाड़ी करते हैं और दीपक के पिता सुभाष पुनिया के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य भी देखते हैं। फिलहाल शादी की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन दीपक के पिता ने बताया कि जल्द ही दोनों परिवारों की सहमति से विवाह की तारीख घोषित की जाएगी।

शिवानी और दीपक पुनिया

शिवानी और दीपक पुनिया

एक प्रतियोगिता में पदक जीतने के बाद दीपक पुनिया।

एक प्रतियोगिता में पदक जीतने के बाद दीपक पुनिया।

केतली पहलवान से ओलिंपियन तक का सफर

दीपक पुनिया का जन्म 19 मई, 1999 को झज्जर जिले के छारा गांव में हुआ। बचपन से ही कुश्ती उनके खून में रही, क्योंकि उनके पिता सुभाष भी स्थानीय स्तर पर पहलवान रहे। दीपक को महज पांच साल की उम्र में अखाड़े में दाखिल कराया गया। उसी दौरान उन्हें गांव में “केतली पहलवान” का उपनाम मिला, क्योंकि उन्होंने एक बार दूध पीते-पीते पूरी केतली (बर्तन) ही खाली कर दिया था।

बचपन के दंगल मुकाबलों से लेकर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम तक दीपक का सफर यादगार रहा। पारंपरिक मिट्टी के अखाड़े से निकलकर जब उन्होंने मैट पर कदम रखा तो जल्दी ही खुद को अनुकूलित किया और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन किया।

कुश्ती प्रतियोगिता में जीत हासिल करने के बाद दीपक का अपनी मां के साथ। फाइल फोटो।

कुश्ती प्रतियोगिता में जीत हासिल करने के बाद दीपक का अपनी मां के साथ। फाइल फोटो।

टोक्यो ओलिंपिक में मामूली अंतर से कांस्य से चूके दीपक

टोक्यो ओलिंपिक 2021 में दीपक कांस्य पदक मुकाबले में मामूली अंतर से हारकर पांचवें स्थान पर रहे। यह हार उनके लिए भावनात्मक रही, क्योंकि कुछ ही महीने पहले उन्होंने अपनी मां को खो दिया था और वे पदक उन्हें समर्पित करना चाहते थे। लेकिन इस हार ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बनाया। एक साल बाद 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।

छत्रसाल स्टेडियम में कर रहे अभ्यास, पिता हर रोज दूध खुद भेज रहे

दीपक पुनिया वर्तमान में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अभ्यास कर रहे हैं और आने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे हैं। अब निजी जीवन की नई शुरुआत के साथ खेल मैदान पर भी उनके प्रदर्शन से देशवासियों को नई उम्मीदें हैं।

महाकुंभ में स्नान के दौरान का पहलवान दीपक पुनिया का फाइल फोटो।

महाकुंभ में स्नान के दौरान का पहलवान दीपक पुनिया का फाइल फोटो।

दीपक पुनिया की प्रमुख उपलब्धियां

  • 2016 : जूनियर एशियन चैंपियनशिप, मनीला – स्वर्ण
  • 2016 : वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप, जॉर्जिया – स्वर्ण
  • 2018 : एशियन जूनियर चैंपियनशिप – स्वर्ण
  • 2018 : वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप, स्लोवाकिया – रजत
  • 2019 : वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप – स्वर्ण (2001 के बाद पहले भारतीय जूनियर वर्ल्ड चैंपियन)
  • 2018 : तबलीसी मेमोरियल ग्रां प्री – कांस्य
  • 2019 : एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, चीन – कांस्य
  • 2019 : मेटियो पेलीकोन मेमोरियल, इटली – कांस्य
  • 2019 : यसार डागू टूर्नामेंट, तुर्की – रजत
  • 2019 : वर्ल्ड चैंपियनशिप, कजाखिस्तान – रजत (ओलिंपिक कोटा हासिल किया)
  • 2020 : एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, दिल्ली – कांस्य
  • 2021 : एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, कजाखिस्तान – रजत
  • 2022 : एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, उलानबटार – रजत
  • 2022 : बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स – स्वर्ण (पाकिस्तान के मुहम्मद इनाम को हराया)
  • 2022 : एशियन गेम्स, हांगझोऊ – रजत
  • 2023 : एशियन गेम्स – रजत
  • 2025 : सीनियर एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, जॉर्डन – रजत



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