Earbuds Hearing Loss: कानों के लिए कितना खतरनाक होता है वायरलेस हेडफोन, कितनी हो सकती है दिक्कत?

Earbuds Hearing Loss: कानों के लिए कितना खतरनाक होता है वायरलेस हेडफोन, कितनी हो सकती है दिक्कत?



Bluetooth Headphones Side Effects: आजकल लोग सड़क पर चलते, काम करते या फिर खाली समय में बैठकर कुछ देखते हुए हर वक्त हेडफोन और ईयरफोन लगाकर रखते हैं. कुछ लोग ऐसा इसलिए करते हैं कि उनको बाहर की दुनिया की आवाजें सुनाई न दें, कुछ लोग दूसरे लोगों को दिक्कत नहीं देना चाहते इसलिए करते हैं. लेकिन आपकी दूसरों को दिक्कत न देने की आदतें, आपको दिक्कत दे सकती हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आप जिस वायरलेस हेडफोन को कानों में लगाकर रखते हैं, वह कितना खतरनाक है.

आपके लिए कितना खतरनाक

अगर बात करें कि यह कितना खतरनाक है, तो इससे कई तरह की परेशानियां होती हैं. BMJ Global Health जर्नल में छपे एक रिसर्च के अनुसार, करीब 1 मिलियन यानी 10 लाख टीनएजर्स और एडल्ट हेडफोन की वजह से सुनने की क्षमता खोने के खतरे में हैं. रिसर्च में पता चला है कि 12 साल से 34 साल की उम्र के 24 प्रतिशत लोग अनसेफ लेवल पर म्यूजिक सुनते हैं. इसमें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनियाभर में सभी उम्र के 43 करोड़ (430 million) से ज्यादा लोग इस समय गंभीर सुनने की समस्या (disabling hearing loss) से जूझ रहे हैं. WHO के अनुसार, अगर कोई 8 घंटे से ज्यादा 85 डेसिबल से ज्यादा की आवाज सुनता है, तो सुनने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो सकती है. तेज वॉल्यूम पर लगातार सुनने से Noise-Induced Hearing Loss (NIHL) का खतरा काफी बढ़ जाता है.

इसका भी खतरा बना रहता है

सुनने की क्षमता खत्म होने के साथ-साथ अगर आप इसे लगातार लगाए रहते हैं, तो दूसरी भी कई तरह की समस्याएं होती हैं. जैसे कि Ear Canal में पसीना और बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. NIH और FDA में हुए तमाम स्टडी के अनुसार, इससे निकलने वाला रेडिएशन बहुत ही कम होता है और वह उतना खतरनाक नहीं होता. इसका मतलब यह है कि इससे कैंसर और किसी तरह का कोई बड़ा खतरा नहीं होता है, हालांकि अभी भी इस पर रिसर्च जारी है. इसके साथ ही अगर आप इसका लगातार इस्तेमाल करते हैं, तो कानों में सीटी या घंटी जैसी आवाज़ (टिनिटस) की दिक्कत हो सकती है.

हेडफोन इस्तेमाल करने के टिप्स

अगर आप हेडफोन यूज कर रहे हैं, तो WHO Guidelines के अनुसार, आपको 60/60 रूल अपनाना चाहिए. यानी कि आपको 60 प्रतिशत से ज्यादा वॉल्यूम नहीं सुनना है और न ही 60 मिनट से ज्यादा सुनना है. कोशिश करें कि नॉइज कैंसिलिंग हेडफोन का यूज करें, ताकि आपको वॉल्यूम तेज करने की जरूरत ही न पड़े. कानों को आराम देने के लिए बीच-बीच में ब्रेक देते रहें.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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