भारत और वेस्टइंडीज का पहला टेस्ट अहमदाबाद स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जा रहा है. इस मैदान में एकसाथ 1 लाख से भी ज्यादा लोग बैठकर मैच का आनंद ले सकते हैं, आधुनिक सुविधाओं से लैस है. मगर गुरुवार को जब भारत-वेस्टइंडीज का पहला टेस्ट शुरू हुआ तो लगभग पूरा मैदान ही खाली पड़ा रहा. यह नजारा देख क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी हैरान रह गए.
टेस्ट मैच के पहले दिन सीटें खाली होने का एक कारण यह हो सकता है कि मुकाबला दशहरे के दिन शुरू हुआ है. जब मैदान में बहुत कम फैंस देखे गए, तो सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की जैसे बाढ़ सी आ गई. टेस्ट रैंकिंग में भारत चौथे स्थान पर है, 2 बार WTC का फाइनल खेल चुकी है, जबकि वेस्टइंडीज दुनिया की आठवें नंबर की टीम है. लोगों ने सवाल उठाए कि क्या BCCI को कमजोर टीम के साथ मैच के लिए इतने बड़े मैदान का चयन करना चाहिए था.
एक फैन ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि टेस्ट मैचों का आयोजन ऐसे मैदानों में किया जाना चाहिए, जहां लोग रेड-बॉल क्रिकेट देखना चाहते हों. साथ ही उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि टेस्ट मैच टूरिजम और पर्यटन की सुगम व्यवस्था को ध्यान में रखकर करवाए जाने चाहिए.
विराट कोहली भी दे चुके हैं राय
इस मुद्दे पर विराट कोहली भी आवाज उठा चुके हैं. ये 2019 की बात है, जब कोहली ने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट के लिए भारत में 5 जगहों को फिक्स कर देना चाहिए था. विराट का कहना था कि इससे दौरा करने वाली टीम को पता होगा कि वो कहां-कहां खेलेगी, साथ ही कम क्राउड की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी.
दरअसल BCCI टेस्ट मैचों की पहुंच बढ़ाने के लिए देश में जगह-जगह टेस्ट मैचों का आयोजन करती है, लेकिन 21वीं सदी में इस नीति से भारत में टेस्ट क्रिकेट को कुछ खास बढ़ावा नहीं मिल पाया है.
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