पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा- फाइल
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के लोकप्रिय गायक राजवीर जवंदा आज (4 अक्टूबर) शनिवार को लगातार आठवें दिन मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। शुक्रवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में डॉक्टरों ने कहा कि जवंदा का दिल धड़कता रहे इसलिए उन्हें लगातार लाइफ सप
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राजवीर को सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं, जिससे उनके शरीर के बाकी अंग सामान्य रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत में वैसा सुधार नहीं हो रहा जैसा डॉक्टर चाहते हैं।
पूर्व सांसद और प्रसिद्ध पंजाबी लोक गायक हंस राज हंस ने भावुक अपील करते हुए कहा- हमें वाहेगुरु, भगवान और खुदा से प्रार्थना करनी चाहिए कि भले ही वह हमारी कुछ सांसें कम कर दें, लेकिन वे सांसें राजवीर जवंदा को दे दें। लाखों लोगों की दुआओं से उनकी सांसें बढ़ सकती हैं और वह दोबारा हमारे बीच लौट सकते हैं।
जब मरीज वेंटिलेटर पर होता है तब क्या होता है?
- वेंटिलेटर क्या करता है: वेंटिलेटर एक मशीन है जो मरीज की सांसें लेने में मदद करता है, जब वह खुद से सांस नहीं ले पाता। यह फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालता है।
- कब लगाया जाता है वेंटिलेटर?: गंभीर सिर, रीढ़, फेफड़ों या दिल की चोटों में, भारी संक्रमण, कोमा या ऑर्गन फैलियर की स्थिति में, जब मरीज बेहोश हो और खुद सांस न ले पा रहा हो
- इलाज की प्रक्रिया क्या है: ICU में लगातार मॉनिटरिंग होती है। लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिए दिल, फेफड़े और अन्य अंगों को सहारा दिया जाता है। संक्रमण से बचाने के लिए एंटीबायोटिक्स, दवाएं और पोषण दिया जाता है।

मेडिकल बुलेटिन में अब तक क्या कहा डॉक्टरों ने..
- 27 सितंबर: दोपहर 1:45 बजे जवंदा को फोर्टिस अस्पताल लाया गया। उन्हें सिर और रीढ़ की गंभीर चोटें आई थीं। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। हालत बेहद नाजुक थी।
- 28 सितंबर: राजवीर अभी भी वेंटिलेटर पर हैं। न्यूरोसर्जन और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों की टीम लगातार इलाज में जुटी है। स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है।
- 29 सितंबर: हालत में हल्का सुधार हुआ, लेकिन वेंटिलेटर सपोर्ट अब भी जारी है। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे निगरानी कर रही है।
- 30 सितंबर: शरीर में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। रीढ़ की MRI में गर्दन-पीठ में गहरी चोटें मिलीं। हाथ-पैरों में कमजोरी है। डॉक्टरों ने कहा, लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहना पड़ सकता है।
- 1 अक्टूबर: क्रिटिकल केयर और न्यूरोसाइंस टीम की निगरानी में लाइफ सपोर्ट पर हैं। ब्रेन की हालत गंभीर बनी हुई है। कोई बड़ा सुधार नहीं दिखा।
- 2 अक्टूबर: अभी भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। न्यूरोलॉजिकल स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। दिल के सही काम के लिए दवाइयां दी जा रही हैं। डॉक्टरों ने कहा- फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है।
- 3 अक्टूबर: जवंदा को लाइफ सपोर्ट सिस्टम (वेंटिलेटर) पर रखा गया है ताकि उनका दिल धड़कता रहे। उन्हें सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं। इसके कारण उनके शरीर का कोई और अंग सही से काम नहीं कर रहा।

