राजवीर जवंदा ने कई फेमस पंजाबी सॉन्ग गाए हैं। (फाइल)
पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। 9 दिन से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती जवंदा की सेहत में कोई सुधार नहीं है। यही वजह है कि शनिवार को तो अस्पताल ने यह कहते हुए मेडिकल बुलेटिन जारी करने से इनकार कर दिया कि उनकी हेल्थ को
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जवंदा वेंटिलेटर पर हैं। उनके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही है। हर घंटे बाद डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत की जांच कर रही है। डॉक्टरों का मानना है कि वेंटिलेटर पर और लंबे टाइम तक रखा जा सकता है। पहले ऐसी कुछ घटनाएं सामने आई हैं, जब लंबे टाइम तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद भी मरीज को होश आया है।
इसका उदाहरण पंजाब पुलिस के पूर्व IG गुरविंदर सिंह हैं। वह डेढ़ माह तक वेंटिलेटर पर रहे थे, फिर 2 महीने बाद कोमा से बाहर आए थे। ऐसे में परिवार और फैंस को भी जवंदा के ठीक होने की उम्मीद बनी हुई है।

पंजाब के पूर्व IG गुरविंदर सिंह का फाइल फोटो।
बनूड़ में हुआ था IG का एक्सीडेंट, दिमाग में चोट लगी थी पूर्व IG गुरविंदर सिंह का 1990 में एक्सीडेंट हुआ था। वह चंडीगढ़ से पटियाला जा रहे थे। बनूड़ के पास उनकी सरकारी गाड़ी ट्रक से टकरा गई थी। वहां से उन्हें PGI में दाखिल करवाया गया था। उनकी पत्नी ने कहा कि डेढ़ महीने तक पति वेंटिलेटर पर रहे। इसके बाद होश आया।
लंबे प्रयासों के बाद वह चलने फिरने तो लगे हैं। मगर, उनके दिमाग को लेकर आई समस्याओं की दवाइयां आज भी चल रही हैं। हादसे के दौरान उनके भी सिर में चोट आई थी। राजवीर जवंदा को भी इसी तरह चोट आई है।
अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन बंद किए 27 सितंबर से लेकर 3 अक्टूबर तक अस्पताल की तरफ से डेली जवंदा की हालत को लेकर मेडिकल बुलेटिन जारी किए गए। हालांकि हर बार उनके पास बताने को कुछ खास नहीं था। यही वजह है कि 9वें दिन अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया। अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी हालत पहले जैसी ही है। कुछ अलग से बताने को नहीं है, इसलिए मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया जाएगा।

जवंदा से जुड़े 8 मेडिकल बुलेटिन में क्या रहा
27 सितंबर: दोपहर 1:45 बजे जवंदा को फोर्टिस अस्पताल लाया गया। उन्हें सिर और रीढ़ की गंभीर चोटें आई थीं। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें हार्ट अटैक भी आया। हालत बेहद नाजुक थी।
28 सितंबर: राजवीर अभी भी वेंटिलेटर पर हैं। न्यूरोसर्जन और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों की टीम लगातार इलाज में जुटी है। स्थिति में कोई खास सुधार नहीं है।
29 सितंबर: हालत में हल्का सुधार हुआ, लेकिन वेंटिलेटर सपोर्ट अब भी जारी है। डॉक्टरों की टीम 24 घंटे निगरानी कर रही है।
30 सितंबर: शरीर में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। रीढ़ की MRI में गर्दन-पीठ में गहरी चोटें मिलीं। हाथ-पैरों में कमजोरी है। लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहना पड़ सकता है।
1 अक्टूबर: क्रिटिकल केयर और न्यूरोसाइंस टीम की निगरानी में लाइफ सपोर्ट पर हैं। ब्रेन की हालत गंभीर बनी हुई है। कोई बड़ा सुधार नहीं दिखा।
2 अक्टूबर: अभी भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। न्यूरोलॉजिकल स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। दिल सही से काम करे, इसके लिए दवाइयां दी जा रही हैं। डॉक्टरों ने कहा- फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है।
3 अक्टूबर: जवंदा को लाइफ सपोर्ट सिस्टम (वेंटिलेटर) पर रखा गया है ताकि उनका दिल धड़कता रहे। उन्हें सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं। जिससे उनके शरीर का कोई और अंग सही से काम नहीं कर रहा।
