
करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से चंद्रमा की पूजा से जुड़ा होता है. इस दिन चांद को अर्घ्य देकर पूजा करने से मानसिक शांति, प्रेम और पारिवारिक एकता बढ़ती है. ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा भावनाओं और वैवाहिक सुख का कारक ग्रह है. इसलिए इस व्रत को रखने से चंद्रमा प्रसन्न होकर वैवाहिक जीवन में मिठास और स्थिरता लाता है.

शुक्र को वैभव, प्रेम और वैवाहिक जीवन का ग्रह माना गया है. करवा चौथ के व्रत में श्रृंगार और वैवाहिक निष्ठा का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस दिन जो शुक्र ग्रह को व्रत रखकर और विधिवत पूजा करके प्रसन्न करता है, उसका शुक्र मजबूत होता है और वैवाहिक जीवन में सौंदर्य, आकर्षण और आपसी समझ भी बढ़ती है.

मंगल को साहस, ऊर्जा और पति की दीर्घायु का प्रतीक माना गया है. करवा चौथ पर पत्नी द्वारा रखे गए व्रत से मंगल ग्रह भी प्रसन्न होते हैं. जिससे वैवाहिक जीवन में सुरक्षा की भावना मजबूत होती है और जीवनसाथी को अच्छा स्वास्थ्य व दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है.

करवा चौथ के दिन विधिवत पूजा और व्रत से बुध ग्रह भी शुभ प्रभाव देता है. बुध ग्रह समझ और संवाद का प्रतीक है. इसके प्रसन्न होने से जीवनसाथी के बीच आपसी बातचीत, समझदारी और मानसिक तालमेल बेहतर होता है. यह ग्रह रिश्तों को मजबूत और स्थायी बनाने में अहम भूमिका निभाता है.

गुरु ग्रह ज्ञान, आशीर्वाद और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है. करवा चौथ पर किए गए व्रत और पूजन से गुरु ग्रह का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे विवाह में स्थिरता, परिवार में समृद्धि और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं.

करवा चौथ का व्रत शनि के शुभ प्रभाव को भी आमंत्रित करता है. शनि ग्रह न्याय और कर्म का प्रतिनिधि है. इस दिन व्रत रखकर सच्चे मन से प्रार्थना करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली कठिनाइयां कम होती हैं और रिश्तों में स्थिरता आती है. शनि के प्रसन्न होने से परम सुख और सुरक्षा की प्राप्ति होती है.
Published at : 05 Oct 2025 08:56 AM (IST)