कौन है वो नरेश, जिसकी गोली जाकर लगी सीधे ASP अनुज चौधरी पर,जानिए उसकी पूरी क्राइम कुंडली – Who is Naresh Pandit whose bullet hit ASP Anuj Chaudhary directly crime horoscope lclg

कौन है वो नरेश, जिसकी गोली जाकर लगी सीधे ASP अनुज चौधरी पर,जानिए उसकी पूरी क्राइम कुंडली – Who is Naresh Pandit whose bullet hit ASP Anuj Chaudhary directly crime horoscope lclg


रविवार देर शाम फिरोजाबाद जिले के बानीपुर जंगल क्षेत्र के हलपुरा अंडरपास के पास गोलियों की आवाज से इलाका दहल उठा. इस मुठभेड़ में 50,000 रुपए के इनामी अपराधी नरेश (35) की गोली ASP (ग्रामीण) अनुज चौधरी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर जाकर लगी. किस्मत अच्छी रही कि जैकेट ने वार झेल लिया और बाल-बाल बच गए.पुलिस की जवाबी कार्रवाई में नरेश घायल हुआ और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

2 करोड़ की कैश वैन लूट का मास्टरमाइंड

नरेश वही नाम है, जिसने 30 सितंबर को मक्खनपुर थाना क्षेत्र में हुई 2 करोड़ की कैश वैन लूट की साजिश रची थी. कानपुर से आगरा जा रही कैश वैन को घुनपई गांव के पास दो गाड़ियों ने रोक लिया था. हथियारों से लैस हमलावरों ने ड्राइवर की खिड़की तोड़कर उसे बंदूक की बट से घायल किया और वाहन में बांध दिया. इसके बाद बदमाश वैन में रखी नकदी लेकर फरार हो गए. जांच के दौरान पुलिस ने इस लूटकांड में शामिल छह बदमाशों को गिरफ्तार किया और उनके पास से करीब ₹1 करोड़ 53 हजार 10 रुपये नकद, दो कारें, 55 हजार का आईफोन, एक लाख रुपये की बाइक और असलहे बरामद किए. लेकिन बाद में नरेश, जो इस पूरी वारदात का मुख्य साजिशकर्ता था, फरार होने में सफल रहा.

गिरफ्तारी के बाद भी भाग निकला था नरेश

जानकारी के मुताबिक, नरेश को कुछ दिनों बाद पुलिस ने हिरासत में लिया था. पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि उसने अलीगढ़ में ₹20 लाख छिपा रखे हैं. पुलिस टीम जब उसे रकम बरामद कराने ले जा रही थी, तभी मौका पाकर वह भाग निकला. तब से पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में थीं. डीआईजी आगरा रेंज ने उसकी गिरफ्तारी में मदद करने वालों के लिए ₹50,000 इनाम की घोषणा की थी. रविवार को मुखबिर से सूचना मिली कि नरेश बीएमआर होटल के पास देखा गया है. ASP अनुज चौधरी के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची, जहां नरेश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया और बाद में दम तोड़ दिया.

ASP अनुज चौधरी की जैकेट पर लगी गोली

मुठभेड़ के दौरान एक गोली सीधे ASP अनुज चौधरी की जैकेट पर लगी, जिससे पुलिस बल में कुछ पल के लिए अफरा-तफरी मच गई. वहीं रामगढ़ थानाध्यक्ष को गोली छूकर निकल गई, जिससे वह घायल हुए. पुलिस ने नरेश को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मुठभेड़ स्थल से बरामद हुआ असलहा और नकदी

घटना स्थल से पुलिस ने दो पिस्टल, एक रिवॉल्वर, कई खाली कारतूस और नकदी से भरा बैग बरामद किया है. माना जा रहा है कि यह रकम उसी लूटकांड का हिस्सा है. फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की और कारतूसों के सैंपल लिए हैं.

जानिए नरेश की क्राइम कुंडली

अलीगढ़ के खैर स्थित अर्नी गांव का निवासी नरेश लंबे समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय था. उसके खिलाफ दिल्ली, फरीदाबाद, गाजियाबाद और फिरोजाबाद के अलग-अलग थानों में कुल नौ मुकदमे दर्ज थे.

दर्ज मुकदमों की सूची:

–  थाना क्राइम ब्रांच दिल्ली 

–  थाना मयूर विहार फेज-1, दिल्ली 

–  थाना गाजीपुर, दिल्ली में दो केस 

–  थाना मुखर्जी नगर, दिल्ली

–  थाना फरीदाबाद, हरियाणा

–  थाना कौशांबी, गाजियाबाद

–  थाना मक्खनपुर, फिरोजाबाद में दो केस 

नरेश की पहचान एक ऐसे शातिर अपराधी के रूप में थी, जो प्रदेश की सीमाएं पार कर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था. उसका नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर से लेकर पश्चिमी यूपी तक फैला हुआ था.

गिरोह का जाल और साथी अपराधी

पुलिस जांच में सामने आया कि नरेश कई राज्यों में सक्रिय अंतरजनपदीय गिरोह का हिस्सा था. उसके साथी तुषार (मोदीनगर, गाजियाबाद), दुष्यंत (अलीगढ़), अक्षय (पूर्वी दिल्ली), आशीष उर्फ आशू (बहादुरगढ़, हरियाणा) और मोनू उर्फ मिलाप (आगरा) को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था.

इनके पास से मिली रकम और सामान

नरेश: 25.02 लाख रुपये 

तुषार: 20.12 लाख रुपये व तमंचा

दुष्यंत: 20.08 लाख रुपये और आईफोन

अक्षय: 13 लाख रुपये

आशीष उर्फ आशू: 10 लाख रुपये और नई बाइक

मोनू उर्फ मिलाप: 12 लाख रुपये

 अपराध की राह से अंत तक

नरेश ने अपने अपराध की शुरुआत छोटी-मोटी लूटपाट से की थी, लेकिन धीरे-धीरे वह बड़े गिरोहों से जुड़ गया. बताया जाता है कि उसने दिल्ली और हरियाणा में कई बार गिरफ्तारी के बाद जमानत पाकर फिर अपराध का रास्ता चुना.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नरेश को हथियारों की सप्लाई और नकली वाहन नंबरों से अपराध करने में महारत हासिल थी.

पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा 

एसएसपी सौरभ दीक्षित ने कहा, यह मुठभेड़ एक बड़े अपराधी नेटवर्क के अंत की शुरुआत है. नरेश पर कई गंभीर मामले दर्ज थे, और उसका मारा जाना प्रदेश में बढ़ते आपराधिक गिरोहों के लिए चेतावनी है.

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