
देव उठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस पर्व का काफी महत्व है. यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. इसी दिन तुलसी विवाह भी मनाया जाता है.

मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जगते हैं. भारतीय पंचांग के अनुसार इस दिन से सभी शुभ मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. इस दिन को विशेष पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है. इस दिन से विवाह के अतिरिक्त उपनयन, गृह प्रवेश आदि अनेक मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 01 नवंबर की सुबह 09: 11 मिनट पर शुरू होगी. 02 नवंबर को सुबह 07: 31 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी. इस तरह 01 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी.

देवउठनी एकादशी चातुर्मास के अंत का प्रतीक है. मान्यता है कि हिंदू धर्म में इन चार माह में हर तरह के मांगलिक कार्य पर प्रतिबंध रहता है. देव उठनी एकादशी से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं.

कार्तिक शुक्ल एकादशी का यह दिन तुलसी विवाह के रूप में भी मनाया जाता है. मान्यता है कि तुलसी को घर में रखने पर धन और सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. तुलसी विवाह के बाद ही कन्यादान करने की परंपरा है.

इस दिन निर्जला उपवास रखने की परंपरा है. अगर आप निर्जला व्रत नहीं रख रहे हैं तो इस दिन चावल, प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बासी भोजन नहीं खाएं.
Published at : 06 Oct 2025 03:00 PM (IST)