Women’s World Cup 2025: महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मुकाबले को खत्म हुए कुछ दिन बीत चुके हैं, लेकिन उसका एक विवाद अभी भी सुर्खियों में है. मैच के दौरान पाकिस्तान की सलामी बल्लेबाज मुनीबा अली के रनआउट को लेकर जबरदस्त बवाल मचा था. कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भारत पर “स्पिरिट ऑफ द गेम” के खिलाफ खेल खेलने का आरोप लगाया, वहीं अब इस पर MCC (मेरिलबोन क्रिकेट क्लब) ने आधिकारिक फैसला सुनाते हुए मुनीबा के रनआउट को सही और नियमों के तहत बताया है.
क्या था पूरा मामला?
5 अक्टूबर को खेले गए भारत-पाकिस्तान मुकाबले में भारतीय टीम ने 88 रनों से धमाकेदार जीत दर्ज की थी, लेकिन चौथे ओवर में हुई एक घटना ने सभी का ध्यान खींच लिया. पाकिस्तानी बल्लेबाज मुनीबा अली एलबीडब्ल्यू से बचने के बाद जैसे ही आगे बढ़ीं, भारतीय ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने फुर्ती दिखाते हुए गेंद सीधे स्टंप्स पर मार दी. जब थर्ड अंपायर ने रिप्ले देखा, तो पाया कि मुनीबा का बल्ला क्रीज के अंदर तो था, लेकिन गेंद लगने के वक्त वह हवा में उठा हुआ था. इसी वजह से थर्ड अंपायर ने उन्हें रन आउट करार दिया.
पाकिस्तान ने जताया विरोध
पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना खान ने मैच के बाद इस फैसले पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि मुनीबा रन लेने की कोशिश भी नही कर रही थी और उनका बल्ला पहले ही क्रीज में था. सोशल मीडिया पर भी कई पाकिस्तानी फैंस ने अंपायरिंग पर सवाल उठाए और भारत पर “अनफेयर प्ले” का आरोप लगाया.
MCC ने दिया साफ जवाब
अब इस मामले पर क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC ने अपनी राय दी है. MCC ने कहा कि थर्ड अंपायर का फैसला पूरी तरह सही था और किसी भी तरह से नियमों के खिलाफ नही था. MCC ने रूल 30.1.2 का हवाला देते हुए बताया कि अगर बल्लेबाज दौड़ते या डाइव करते हुए क्रीज में पहुंचता है और थोड़ी देर के लिए संपर्क टूट जाता है, तो उसे आउट नहीं दिया जाता, लेकिन यह नियम सिर्फ उन्हीं स्थितियों में लागू होता है जब बल्लेबाज “दौड़ रहा हो या डाइव कर रहा हो”.
मुनीबा अली उस वक्त न तो दौड़ रही थी, न डाइव कर रही थी. वह बस आगे बढ़ी थी और गेंद लगने के समय उनका बल्ला हवा में था. इसलिए “बाउंसिंग बैट” का नियम उन पर लागू नही होता है.
भारत पर नही कोई आरोप
इस तरह, MCC के स्पष्टीकरण के बाद अब यह साफ हो गया है कि भारत या दीप्ति शर्मा ने किसी तरह की बेईमानी नहीं की थी. थर्ड अंपायर ने नियमों के तहत सही फैसला दिया था और अब इस विवाद पर पूरी तरह से विराम लग गया है.