
आश्विन महीने की समाप्ति के बाद कार्तिक महीने की शुरुआत होती है. यह हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना होता है, जोकि विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होता है. कार्तिक महीने की शुरुआत बुधवार 8 अक्टूबर से होगी और 5 नवंबर 2025 तक रहेगी.

कार्तिक महीने के 30 दिनों में करवा चौथ, अहोई अष्टमी, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, छठ पर्व, देवउठनी एकादशी जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार पड़ते हैं. इस महीने किए गए शुभ कार्यों से बहुत पुण्य प्राप्त होता है. इसलिए जान लें कि कार्तिक मास में क्या करें और क्या नहीं.

कार्तिक मास में स्नान और दीपदान का महत्व होता है. इसलिए नियमित रूप से स्नान करें. इस माह किए नदी स्नान को कार्तिक स्नान कहा जाता है. आप घर पर भी गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

कार्तिक मास में पड़ने वाले विशेष पर्व में व्रत जरूर रखें. कार्तिक महीने में देवउठनी एकादशी का दिन सबसे खास माना जाता है. क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने बाद शयन से जागते हैं और शुभ-मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है.

कार्तिक महीने में पूरे 30 दिनों तक प्रात:काल और संध्याकाल घी का दीपक जलाएं. खासकर तुलसी के पास दीप जलाना शुभ होता है. साथ ही पास में नदी या सरोवर हो तो संध्या में दीपदान जरूर करें.

इसी के साथ कार्तिक महीने में कुछ अन्य नियमों का पालन भी करना चाहिए. इस महीने मांसाहार से परहेज करें. ध्रूमपान और मदिरापान का सेवन भी कार्तिक में न करें. कार्तिक महीने में उड़द, मूंग, मसूर, मटर और चना जैसी दालों का सेवन भी वर्जित माना जाता है. साथ लहसुन-प्याज का भी त्याग करना चाहिए.

सब्जियों में बैंगन और करेला कार्तिक में नहीं खाना चाहिए. नरक चतुर्दशी के दिन को छोड़कर पूरे महीने शरीर पर तेल लगाना भी वर्जित होता है. क्रोध, ईर्ष्या, लोभ की भावना से भी बचें. बड़े-बुजुर्गों को अपशब्द न कहें.
Published at : 07 Oct 2025 06:56 PM (IST)