अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि इजरायल और हमास ने अमेरिका की मध्यस्थता वाली शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जताई है. इस समझौते का मकसद गाजा में जंग को रोकना और बंधकों और कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना है.हमास ने गाजा समझौते पर सहमति जताई है, जिस पर गुरुवार को मिस्र में हस्ताक्षर किए जाएंगे. इस समझौते में गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए पांच क्रॉसिंग तुरंत खोलना, गाजा वापसी मानचित्र में बदलाव और पहले चरण में 20 इज़रायली बंदियों को ज़िंदा रिहा करना शामिल है.
इस समझौते की गारंटी अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की ने दी है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि जब तक दोनों पक्ष इसकी शर्तों का पालन करते हैं, तब तक हमले फिर से शुरू नहीं होंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “इसका मतलब है कि सभी बंधकों को बहुत जल्द रिहा कर दिया जाएगा, और इज़रायल अपने सैनिकों को एक निश्चित सीमा तक वापस बुला लेगा, जो एक मज़बूत, टिकाऊ और स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम होगा. सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाएगा.”
कतर ने निभाई अहम भूमिका…
अमेरिका, इज़रायल, मिस्र और कतर के वार्ताकार सोमवार से ही मिस्र के रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में सीजफायर और बड़े पैमाने पर बंधक-कैदियों की अदला-बदली की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए मौजूद हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी भी इस चर्चा में शामिल हुए. कतर ने मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

ट्रंप का यह ऐलान, 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुए संघर्ष को खत्म करने के प्रयासों में अब तक की सबसे महत्वपूर्ण सफलता है. हमास के द्वारा किए गए हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर नागरिक थे. अक्टूबर 2023 के बाद से अब तक इजरायल के द्वारा गाजा में लगातार हमले हो रहे हैं, जिनमें 60 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. मरने में वालों ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
हमास और इजरायल के बीच यह समझौता मिस्र में कई दिनों तक चली वार्ता के बाद हुआ है, जहां अमेरिका, इज़रायल, मिस्र और कतर के वार्ताकार ट्रंप के प्रस्तावित बंधक-से-युद्धविराम समझौते की रूपरेखा पर काम कर रहे थे.
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