दिवाली सेल का जाल! फेक वेबसाइट और फ़िशिंग लिंक से ऐसे बचें वरना उड़ जाएंगे आपके पैसे, जानिए कैसे पहचानें

दिवाली सेल का जाल! फेक वेबसाइट और फ़िशिंग लिंक से ऐसे बचें वरना उड़ जाएंगे आपके पैसे, जानिए कैसे पहचानें


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों में लोग लिमिटेड टाइम ऑफर्स की जल्दी में लिंक पर क्लिक तो कर देते हैं लेकिन उसकी असलियत जांचना भूल जाते हैं. कई नकली वेबसाइट्स असली जैसी दिखती हैं चमकदार लोगो, फर्जी रिव्यू और “बहुत सस्ते दाम देकर ये ग्राहकों को फंसाती हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों में लोग लिमिटेड टाइम ऑफर्स की जल्दी में लिंक पर क्लिक तो कर देते हैं लेकिन उसकी असलियत जांचना भूल जाते हैं. कई नकली वेबसाइट्स असली जैसी दिखती हैं चमकदार लोगो, फर्जी रिव्यू और “बहुत सस्ते दाम देकर ये ग्राहकों को फंसाती हैं.

त्योहारों में खरीदारी बढ़ने के साथ स्कैमर्स भी ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. वे ईमेल, कॉल या SMS के ज़रिए Amazon जैसी कंपनियों का नाम लेकर ग्राहकों को फंसाते हैं. अधिकतर मामलों में ‘ऑर्डर कैंसिल’ या ‘अकाउंट सस्पेंड’ का डर दिखाकर वे लिंक पर क्लिक करवाते हैं.”

त्योहारों में खरीदारी बढ़ने के साथ स्कैमर्स भी ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं. वे ईमेल, कॉल या SMS के ज़रिए Amazon जैसी कंपनियों का नाम लेकर ग्राहकों को फंसाते हैं. अधिकतर मामलों में ‘ऑर्डर कैंसिल’ या ‘अकाउंट सस्पेंड’ का डर दिखाकर वे लिंक पर क्लिक करवाते हैं.”

पिछले साल Amazon ने 55,000 से ज्यादा फ़िशिंग वेबसाइट्स और 12,000 स्कैम नंबर ब्लॉक किए. स्कैमर्स ऐसी वेबसाइट्स बनाते हैं जो असली ब्रांड्स जैसे Amazon या Flipkart की हूबहू कॉपी होती हैं. वे भारी डिस्काउंट्स और ‘लास्ट मिनट ऑफर’ दिखाकर लोगों को पेमेंट करने के लिए उकसाते हैं. भुगतान के बाद या तो नकली प्रोडक्ट भेजा जाता है या कुछ भी नहीं.

पिछले साल Amazon ने 55,000 से ज्यादा फ़िशिंग वेबसाइट्स और 12,000 स्कैम नंबर ब्लॉक किए. स्कैमर्स ऐसी वेबसाइट्स बनाते हैं जो असली ब्रांड्स जैसे Amazon या Flipkart की हूबहू कॉपी होती हैं. वे भारी डिस्काउंट्स और ‘लास्ट मिनट ऑफर’ दिखाकर लोगों को पेमेंट करने के लिए उकसाते हैं. भुगतान के बाद या तो नकली प्रोडक्ट भेजा जाता है या कुछ भी नहीं.

नकली साइट्स की सबसे खतरनाक बात है उनकी डिटेलिंग वही लोगो, वही फोंट और यहां तक कि वही डिजाइन जिससे असली और नकली वेबसाइट में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. वेबसाइट का URL अजीब या गलत स्पेलिंग वाला हो (जैसे amaz0n-sale.com)

नकली साइट्स की सबसे खतरनाक बात है उनकी डिटेलिंग वही लोगो, वही फोंट और यहां तक कि वही डिजाइन जिससे असली और नकली वेबसाइट में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. वेबसाइट का URL अजीब या गलत स्पेलिंग वाला हो (जैसे amaz0n-sale.com)

एड्रेस बार में ‘https://’ या ताले का निशान न हो, WhatsApp या SMS में लॉगिन या पेमेंट लिंक भेजे जाएं, ऑफर्स इतने सस्ते हों कि यकीन करना मुश्किल लगे, खराब ग्रामर, नकली रिव्यू या कॉन्टैक्ट डिटेल का अभाव, सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प, कोई “कैश ऑन डिलीवरी” नहीं, “अकाउंट सस्पेंड” या “वेरिफिकेशन जरूरी” जैसे मैसेज आएं, OTP, पासवर्ड या कार्ड डिटेल मांगी जाए (Amazon कभी नहीं मांगता).

एड्रेस बार में ‘https://’ या ताले का निशान न हो, WhatsApp या SMS में लॉगिन या पेमेंट लिंक भेजे जाएं, ऑफर्स इतने सस्ते हों कि यकीन करना मुश्किल लगे, खराब ग्रामर, नकली रिव्यू या कॉन्टैक्ट डिटेल का अभाव, सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प, कोई “कैश ऑन डिलीवरी” नहीं, “अकाउंट सस्पेंड” या “वेरिफिकेशन जरूरी” जैसे मैसेज आएं, OTP, पासवर्ड या कार्ड डिटेल मांगी जाए (Amazon कभी नहीं मांगता).

अगर आपने गलती से भुगतान कर दिया है तो तुरंत अपने बैंक या UPI ऐप को कॉल करें और कार्ड ब्लॉक करवाएं. वेबसाइट के स्क्रीनशॉट और पेमेंट डिटेल्स सुरक्षित रखें. cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें. वित्तीय धोखाधड़ी हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें. दूसरों को चेताएं ताकि और लोग न फंसें.

अगर आपने गलती से भुगतान कर दिया है तो तुरंत अपने बैंक या UPI ऐप को कॉल करें और कार्ड ब्लॉक करवाएं. वेबसाइट के स्क्रीनशॉट और पेमेंट डिटेल्स सुरक्षित रखें. cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें. वित्तीय धोखाधड़ी हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें. दूसरों को चेताएं ताकि और लोग न फंसें.

Published at : 12 Oct 2025 08:31 AM (IST)



Source link

Leave a Reply