‘ना कोई बड़ा भाई, ना कोई छोटा भाई, लेकिन…’, सीट शेयरिंग पर JDU की पहली प्रतिक्रिया

‘ना कोई बड़ा भाई, ना कोई छोटा भाई, लेकिन…’, सीट शेयरिंग पर JDU की पहली प्रतिक्रिया



बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा कर दिया गया है. इसके मुताबिक बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. वहीं इस सीट शेयरिंग को लेकर अब नीतीश कुमार की पार्टी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.

जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सीटों के बंटवारे पर कहा, “बड़े भाई नहीं अब हम जुड़वा भाई हो गए हैं. हम संतुष्ट हैं, आज कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं. बिहार में सीट चाहे जितनी मिले, मुख्यमंत्री और चेहरा तो नीतीश कुमार ही होंगे.” 

उन्होंने आगे कहा, “कई बार ऐसा हुआ है कि बीजेपी के विधायक ज्यादा रहें हैं तब भी सीएम नीतीश कुमार ही रहे. सीट चाहे कम हो या ज्यादा ड्राइविंग सीट पर तो नीतीश कुमार ही हैं. पासवान, मांझी, कुशवाहा जी ये लोग तो हमारे ही हैं. हमारा DNA तो एक ही है. जनता दल से ही ये निकले हैं.”

पांचों दलों की सहमति से हुआ बंटवारा- जेडीयू

जेडीयू प्रवक्ता अंजूम आरा ने कहा कि एनडीए में सभी को सम्मान किया जाता है और हम लोग सामंजस्य बनाकर चलते हैं. हमारे सभी पांचों दल आपसी सहमति बनाकर चुनाव मैदान में जा रहे हैं और मुख्य मकसद है चुनाव जीतना, तथा अपने घटक दलों का सम्मान करना. 

उन्होंने आगे कहा कि इस बार के जो सीट बंटवारे हुए उसमें सभी को सम्मान दिया गया है. और ऐसा नहीं कि हमें कम सीट दी गई है, बीजेपी और जेडीयू बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही है. लेकिन जो लोग तंज कस रहे हैं वह अपने देखें कि किस तरह सिर फुटौवल हो रही है. अभी तक उन लोग का सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हुआ है और एक-एक सीट के लिए सभी मारा मारी कर रहे हैं .एनडीए की चिंता वे लोग छोड़ दें.

2005 से सीएम बने हुए हैं नीतीश कुमार

बता दें की 2005 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बने हुए हैं.  नवंबर 2005 में जब चुनाव हुए थे तो उस समय जेडीयू 139 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 88 सीट जीत कर आई थी जबकि बीजेपी 102 सीट पर चुनाव लड़कर 55 सीट जीती थी. 2010 में जेडीयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 115 सीट जीतकर आई थी तो बीजेपी 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 91 सीट जीत कर आई थी. 

2015 में नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ थे उस समय आरजेडी और जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रहे थे .लेकिन 2020 में फिर बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल हुए और जेडीयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 43 सीट जीतकर आई थी जबकि बीजेपी 110 सीटों पर चुनाव लड़ कर 74 सीट जीते थे. कहा जाए तो हर बार जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में रही थी.



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