NDA Bihar Seat Sharing 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर चल रही लंबी चर्चाओं का आज आखिरकार अंत हो गया. रविवार को एनडीए के सभी घटक दलों ने मिलकर सीट शेयरिंग का अंतिम फार्मूला तय कर लिया.
केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर पोस्ट कर इस फॉर्मूले की आधिकारिक जानकारी दी. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि एनडीए में बीजेपी और जेडीयू दोनों को 101 101 सीटें मिली हैं. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में एक बार फिर जेडीयू और बीजेपी बराबरी की साझेदारी के साथ मैदान में उतरेंगी.
जानें कैसे हुआ सीट का बंटवारा
सूत्रों के मुताबिक, एनडीए ने अपने सहयोगी दलों के लिए एक नया फार्मूला अपनाया है एक सांसद सीट के बदले छह विधानसभा सीटें. इस आधार पर सीटों का बंटवारा किया गया है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान को पांच सांसदों के आधार पर 29 सीटें मिली हैं. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की रालोजपा को एक सांसद के आधार पर छह सीटें दी गई हैं और जीतन राम मांझी की हम पार्टी को भी एक सांसद के अनुपात में छह सीटें मिली हैं.
CM नीतीश ने दिखाया ‘बड़ा दिल’
वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने बड़ा दिल दिखाया है. 2020 के चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर लड़कर 43 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार पार्टी ने 14 सीटें घटाकर 101 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जेडीयू ने यह कदम अपने सहयोगी दलों के लिए जगह छोड़ने और गठबंधन की एकजुटता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया है.
‘जुड़वां भाई’ की भूमिका में बीजेपी
बीजेपी ने इस बार गठबंधन की भावना को प्राथमिकता देते हुए जुड़वां भाई की भूमिका निभाने का फैसला किया है. 2020 के चुनाव में बीजेपी 110 सीटों पर लड़ी थी और 78 सीटों पर जीत दर्ज की थी. विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी यानी 09 सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ी हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने यह फैसला गठबंधन की स्थिरता और चुनावी तालमेल को मजबूत करने के लिए लिया है.
‘ड्राइविंग सीट पर तो नीतीश कुमार ही हैं’
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अब जेडीयू और बीजेपी के रिश्ते ‘बड़े भाई-छोटे भाई’ नहीं, बल्कि ‘जुड़वा भाई’ जैसे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह संतुष्ट है और आज किसी को कोई शिकायत नहीं है.
त्यागी ने साफ कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा सिर्फ नीतीश कुमार ही होंगे, चाहे एनडीए में किसी को कितनी भी सीटें मिलें. उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी कई बार बीजेपी के विधायकों की संख्या जेडीयू से ज्यादा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री हमेशा नीतीश कुमार ही बने हैं.
उन्होंने कहा, ‘सीटें कम हों या ज्यादा, ड्राइविंग सीट पर तो नीतीश कुमार ही हैं.’ इसके साथ ही उन्होंने एनडीए के सहयोगियों के बारे में कहा, ‘पासवान, मांझी और कुशवाहा जी हमारे ही परिवार के हैं. हमारा DNA एक ही है क्योंकि ये सभी कभी जनता दल से ही निकले हैं.’