उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने भारत-नेपाल सीमा पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय बस परमिट जालसाजी गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह के माध्यम से अवैध रूप से भारत-नेपाल के बीच बस संचालन किया जा रहा था. गिरोह के दो सक्रिय सदस्य राम प्रसाद और बाले थापा उर्फ बालकिशन को गिरफ्तार किया गया.
एसटीएफ के मुताबिक, राम प्रसाद को बागवानी भवन गेट के पास, थाना सागरपुर, नई दिल्ली से हिरासत में लिया गया, जबकि बाले थापा को लखनऊ के किसान पथ से गिरफ्तार किया गया. दोनों अभियुक्तों के कब्जे से 11 फर्जी भारत-नेपाल यात्रा परमिट, 1 लैपटॉप, 1 बस और 3 मोबाइल फोन बरामद हुए, जिनमें सिम कार्ड भी शामिल थे.
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प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ये दोनों आरोपी फर्जी परमिट बनाकर अंतरराष्ट्रीय बस संचालन करते थे. इनके नेटवर्क में कई अन्य लोग भी शामिल होने की संभावना है, जिन्हें पकड़ने के लिए एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों के मुताबिक, इस गिरोह के जरिए यात्रियों और बस ऑपरेटरों को ठगी के अलावा कानूनी जोखिम में डाला जा रहा था.
एसटीएफ ने बताया कि यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय यातायात सुरक्षा और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए की गई है. जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गिरोह अवैध परमिट के जरिए बस संचालन का बड़ा नेटवर्क चला रहा था, जो भारत-नेपाल के बीच यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहा था. पुलिस इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है और अन्य संभावित गिरोह सदस्यों की पहचान कर रही है.
अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार अभियुक्तों की मदद से पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकता है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारी होने की संभावना है.
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