क्या होता है End-to-End Encryption? जानिए क्यों यूज़र्स के लिए होता है जरूरी

क्या होता है End-to-End Encryption? जानिए क्यों यूज़र्स के लिए होता है जरूरी



End-to-End Encryption: भारत में लंबे समय से WhatsApp का देसी विकल्प खोजा जा रहा है और इसी खोज ने लोगों को लेकर आई है Zoho की Arattai ऐप तक. Arattai का अर्थ है बातचीत करना और यह पूरी तरह से भारत में विकसित एक मैसेजिंग ऐप है. सरकार की स्वदेशी ऐप्स को बढ़ावा देने की पहल के बाद यह ऐप तेजी से लोकप्रिय हो रही है. इसमें चैटिंग, वॉयस और वीडियो कॉल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन एक अहम फीचर की कमी इसे WhatsApp और Signal जैसे ऐप्स से पीछे कर देती है End-to-End Encryption (E2E).

End-to-End Encryption क्या होता है?

End-to-End Encryption (E2E) एक ऐसी सुरक्षा तकनीक है जो आपके संदेशों को पूरी तरह से गोपनीय बनाती है. जब आप किसी को मैसेज भेजते हैं तो वह एन्क्रिप्टेड फॉर्म में ट्रांसफर होता है यानी उस संदेश को न तो कोई तीसरा व्यक्ति पढ़ सकता है, न ही ऐप का सर्वर. यहां तक कि WhatsApp या Meta जैसी कंपनियां भी इन मैसेजेस की सामग्री नहीं देख सकतीं.

सिर्फ भेजने वाला और प्राप्त करने वाला ही एक विशेष डिजिटल की के माध्यम से संदेश को डिक्रिप्ट कर सकता है. इस प्रक्रिया से चैट पूरी तरह सुरक्षित रहती है और किसी भी तरह के हैकिंग या डेटा चोरी का खतरा नहीं रहता.

Arattai App में क्या है कमी?

Arattai ऐप में फिलहाल वीडियो और वॉयस कॉल तो एन्क्रिप्टेड हैं लेकिन चैट्स के लिए End-to-End Encryption अभी उपलब्ध नहीं है. इसका मतलब है कि ऐप के जरिए भेजे गए संदेश तकनीकी रूप से किसी तीसरे पक्ष चाहे वह इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर हो या हैकर द्वारा इंटरसेप्ट किए जा सकते हैं. कंपनी ने यह स्वीकार किया है कि E2E फीचर फिलहाल टेस्टिंग फेज में है और जल्द ही इसे सभी यूज़र्स के लिए जारी किया जाएगा.

क्यों जरूरी है E2E फीचर Arattai के लिए?

आज की डिजिटल दुनिया में प्राइवेसी ही भरोसे की नींव है. जब यूज़र्स को यह भरोसा हो कि उनकी बातें पूरी तरह गोपनीय हैं तभी वे किसी ऐप का इस्तेमाल निश्चिंत होकर करते हैं. WhatsApp, Signal और Telegram जैसे ऐप्स की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यही सुरक्षा फीचर है.

अगर Arattai को वास्तव में भारत का “स्वदेशी WhatsApp” बनना है तो उसे यूज़र्स को समान स्तर की प्राइवेसी देनी ही होगी. बिना E2E के यूज़र्स के चैट डेटा को एक्सेस किया जा सकता है, जिससे उनकी निजता और सुरक्षा पर खतरा बना रहता है.

कंपनी का रुख और आगे की उम्मीदें

Arattai के निर्माता Zoho के फाउंडर श्रीधर वेंबू ने 2021 में इस ऐप को लॉन्च किया था. उस समय उन्होंने चैट्स के लिए E2E फीचर को प्राथमिकता नहीं दी थी, लेकिन अब जब यूज़र्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है तो यह फीचर सबसे जरूरी बन चुका है. कंपनी ने वादा किया है कि आने वाले अपडेट में चैट्स भी पूरी तरह एन्क्रिप्टेड होंगी.

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