इंडियन प्रीमियर लीग को लगातार दूसरा साल नुकसान हुआ है. सिर्फ 2 साल में IPL की वैल्यूएशन में 16 हजार करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई है. रिपोर्ट अनुसार साल 2025 में आईपीएल की वैल्यूएशन में 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इससे सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या आईपीएल का क्रेज खत्म होने लगा है? बता दें कि ये लंबे समय से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग बनी हुई है.
डी एंड पी एडवाइजरी द्वारा जारी की गई ‘द प्राइस ऑफ रेगुलेशन: IPL और WPL वैल्यूएशन रिपोर्ट 2025’ में खुलासा हुआ कि 2023 में इंडियन प्रीमियर लीग की वैल्यूएशन 92,500 करोड़ रुपये थी, लेकिन 2024 में यह 10.6 प्रतिशत गिरकर 82,700 करोड़ रुपये हो गई थी. अब लगातार दूसरे साल यानी 2025 में IPL की ब्रांड वैल्यू 8 प्रतिशत गिरकर 76,100 करोड़ रुपये पर आ गई है.
ब्रांड वैल्यू में गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मीडिया राइट्स का एकीकरण एक मुख्य वजह हो सकती है. साल 2024 में वायाकॉम 18 और डिजनी स्टार का मर्जर हुआ था, जिसके बाद जियोहॉटस्टार लॉन्च हुआ. कहीं ना कहीं इसी मर्जर के कारण IPL को दो साल के भीतर 16,400 करोड़ का नुकसान हुआ है. दोनों बड़ी कंपनियों के हाथ मिलने से मीडिया राइट्स में कहीं ना कहीं एकाधिकार स्थापित हो गया है.
वैसे तो मीडिया राइट्स से इंडियन प्रीमियर लीग की बंपर कमाई होती है, लेकिन फैंटेसी और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के बंद होने से भी IPL की होने वाली कमाई पर गहरा असर पड़ा है. बताया जा रहा है कि ऑनलाइन गेमिंग प्लैटफॉर्म पर बैन लगने से आईपीएल की ब्रांड वैल्यू पर करीब 1,500-2,000 करोड़ तक का असर पड़ा है.
WPL को भी नुकसान
महिला प्रीमियर लीग ने भी महिला क्रिकेट में एक अलग मुकाम हासिल कर लिया है. लेकिन पिछले साल की तुलना में WPL की ब्रांड वैल्यू में भी 5.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. महिला प्रीमियर लीग की ब्रांड वैल्यू अब 1350 करोड़ से घटकर 1275 करोड़ रुपये रह गई है.
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