भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) को लेकर बातचीत जारी है. भारत के मुख्य वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल आज रात अमेरिका रवाना हुए, जहां वह भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलकर बातचीत में हिस्सा लेंगे. भारतीय टीम पहले से ही अमेरिका में मौजूद है और दोनों देशों के बीच शुल्क संबंधी मुद्दों सहित कई अहम बिंदुओं पर चर्चा चल रही है.
वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने अपनी यात्रा को लेकर बताया कि भारत, अमेरिका से ऊर्जा आयात बढ़ाने को लेकर तैयार है. उन्होंने कहा, “पिछले 7-8 वर्षों में अमेरिका से ऊर्जा खरीद (मुख्यतः कच्चा तेल) 25 अरब डॉलर से घटकर 12-13 अरब डॉलर रह गई है. यानी करीब 12-15 अरब डॉलर तक की अतिरिक्त खरीदारी की संभावना है, जिससे रिफाइनरी कॉन्फिगरेशन पर असर नहीं पड़ेगा.”
उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा आयात नीति को विविधतापूर्ण बनाना चाहता है. एक बड़े खरीदार के रूप में भारत के लिए सबसे बेहतर रणनीति यही है कि हम अपने स्रोतों को विविध करें. और इस दिशा में हमने अमेरिकी पक्ष को सकारात्मक संकेत दिए हैं.
बता दें कि भारत द्वारा अमेरिका से अधिक कच्चा तेल खरीदना वाशिंगटन की उस चिंता को भी दूर कर सकता है, जो भारत-अमेरिका व्यापार घाटे (USD 45.8 अरब डॉलर, 2024-25) को लेकर है. अग्रवाल ने कहा, “हम अमेरिका से ऊर्जा खरीदने को तैयार हैं, बशर्ते उचित दाम पर उपलब्धता हो.”
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस समय अमेरिका में शटडाउन चल रहा है, जिसके कारण वहां की प्रशासनिक क्षमता प्रभावित है. उन्होंने आगे कहा, “अभी पूर्ण स्तर पर वार्ता का यह सही समय नहीं है, लेकिन दोनों पक्ष आगे का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं.”
एग्रीमेंट को लेकर अब तक पांच दौर की बातचीत हुए
गौरतलब है कि दोनों देशों के नेताओं ने फरवरी 2025 में निर्देश दिया था कि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) पर काम तेजी से आगे बढ़ाया जाए और इसका पहला चरण अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पूरा किया जाए. अब तक पांच दौर की वार्ताएं पूरी हो चुकी हैं.
पिछले महीने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत की थी. वहीं 16 सितंबर को नई दिल्ली में अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच और भारतीय अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने जल्द और संतुलित समाधान पर जोर दिया.
ये है प्रस्तावित समझौते का लक्ष्य
हाल ही में अमेरिका के राजदूत-नामित सर्जियो गोर ने भी भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को लेकर वाणिज्य सचिव से बातचीत की थी. इस प्रस्तावित समझौते का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है, जो वर्तमान में करीब 191 अरब डॉलर है.
वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 131.84 अरब डॉलर का रहा, जिसमें भारत के निर्यात 86.5 अरब डॉलर और आयात 45.3 अरब डॉलर रहे.
वर्तमान में अमेरिका भारत के कुल वस्तु निर्यात का 18 प्रतिशत, आयात का 6.22 प्रतिशत और कुल व्यापार का 10.73 प्रतिशत हिस्सा रखता है.
भारत-अमेरिका के रिश्तों में आई खटास!
बता दें कि पिछले कुछ समय से भारत-अमेरिका के रिश्तों में खटास साफ नजर आई थी. अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. अमेरिका ने 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीद को लेकर लगाया है. हालांकि भारत ने इसको अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया है. इसके अलावा, H1B वीजा नीति में बदलाव को लेकर भी भारतीय उद्योग जगत ने चिंता जताई है.
हालांकि, हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई टेलीफोन वार्ताओं ने इस दिशा में सकारात्मक माहौल बनाया है. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी दौर की बातचीत से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में नई ऊर्जा आएगी.
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