World Spine Day: न बैठ पाएंगे और न ही लेट पाएंगे, जानें रीढ़ के लिए कितना खतरनाक नॉर्मल लगने वाला पीठ दर्द?

World Spine Day: न बैठ पाएंगे और न ही लेट पाएंगे, जानें रीढ़ के लिए कितना खतरनाक नॉर्मल लगने वाला पीठ दर्द?



हर साल 16 अक्टूबर को World Spine Day मनाया जाता है. इस दिन का मकसद लोगों को रीढ़ की हड्डी और पीठ की हेल्थ के प्रति जागरूक करना है. बदलती लाइफस्टाइल, लंबे समय तक बैठकर काम करना और लगातार तनाव की वजह से आजकल पीठ और गर्दन दर्द आम समस्याओं में शामिल हो गया है. ज्यादातर लोग इसे मामूली समस्या समझते हैं, लेकिन कभी-कभी यह जानलेवा और मेडिकल इमरजेंसी भी बन सकती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि नॉर्मल लगने वाला पीठ दर्द रीढ़ के लिए कितना खतरनाक हो सकता है.

ये नॉर्मल पीठ दर्द रीढ़ के लिए हो सकते हैं खतरनाक

तेज या अचानक दर्द– अगर आपको भी कई बार पीठ में दर्द सिर्फ मीडियम या खिंचाव जैसा नहीं बल्कि एकदम से या तेज होता है तो यह मांसपेशियों या लिगामेंट में चोट या शरीर के अंदर के अंगों की समस्या का संकेत हो सकता है. ऐसे में पीठ में होने वाले तेज या अचानक दर्द को आप गंभीरता से लें.

पीठ दर्द का पैर या कूल्हे तक फैलना- कई बार पीठ दर्द पैर या कूल्हे तक फैल जाता है. इसे रेडिएटिंग पेन कहते हैं. यह शरीर में नसों पर दबाव की वजह से होता है और अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह भी गंभीर रीढ़ की समस्या बन सकता है.

पैरों में अचानक कमजोरी- कई बार आपने महसूस किया होगा कि आपके पैरों में अचानक कमजोरी हो जाती है. साइटिका या स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी स्थितियों के कारण रीढ़ की हड्डी में नसों के दबने से अंगों में कमजोरी हो सकती है. हालांकि यह कमजोरी कई बार स्ट्रोक का संकेत भी हो सकती है.

पेशाब पर कंट्रोल खोना- पीठ दर्द के साथ-साथ मल त्याग या पेशाब पर कंट्रोल न कर पाना गंभीर तंत्रिका दबाव या रीढ़ की हड्डी में संक्रमण जैसे डिस्काइटिस या मेनिन्जाइटिस का संकेत हो सकता है.

सिडल एनेस्थिसिया- कूल्हे और जननांग में सुन्नपन होने को सिडल एनेस्थिसिया कहा जाता है और यह यह भी गंभीर रीढ़ या नस की समस्या का संकेत है.

कैसे रखें रीढ़ और पीठ को हेल्दी?

एक्सपर्ट्स के अनुसार रीढ़ और पीठ को हेल्दी रखने के लिए डेली लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना जरूरी होता है. अगर आप लंबे समय तक डेस्क पर बैठकर काम करते हैं, तो बैठने के लिए सही पोस्चर अपनाएं और लंबे समय तक लगातार एक ही स्थिति में न बैठे रहे. इसके अलावा रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें. वहीं लगातार डेस्क वर्क करने वाले लोग हर 15 से 20 मिनट में खड़े हो या वॉक करें. इसके अलावा रीढ़ और पीठ को हेल्दी रखने के लिए एर्गोनॉमिक वर्कस्टेशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. साथ ही वजन और खाने का ध्यान रखना भी जरूरी है जिससे रीढ़ पर ज्यादा दबाव न पड़े.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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