पश्चिम बंगाल के हुगली के पांडुआ स्थित पंचपारा प्राइमरी स्कूल की जानलेवा और जर्जर हालत को उजागर करने वाली इंडिया टुडे की एक विस्तृत रिपोर्ट के ठीक तीन महीने बाद, आखिरकार नवीनीकरण का काम शुरू हो गया है. टपकती कक्षाओं में छतरियों के नीचे बैठे छात्रों की भयावह तस्वीरों, जिन्होंने देश भर में आक्रोश पैदा किया था, ने अब स्कूल के 68 छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक शिक्षण वातावरण का वादा करते हुए, पूरी तरह से नवीनीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है.
मौजूदा ढांचे को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा रहा है और ढहती दीवारों और टपकती टिन की छत के स्थान पर दो सबसे जर्जर कक्षाओं में अब कंक्रीट की छतें होंगी. नवीनीकरण की कुल अनुमानित लागत 10.8 लाख रुपये है. समुदाय को विश्वास है कि इस बहुप्रतीक्षित नवीनीकरण से न केवल वर्तमान छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि भविष्य में नामांकन में भी वृद्धि होगी, जिससे पांडुआ के बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा.
सरकार हरकत में
लंबित नवीनीकरण कार्य जनवरी 2024 से रुका हुआ था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट, जिसमें छात्रों के लिए उत्पन्न गंभीर खतरे को उजागर किया गया था. उसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तेजी से कार्रवाई की. राज्य सरकार ने अगस्त 2024 में आवश्यक धनराशि का 50%, यानी 5.4 लाख रुपये स्वीकृत किए थे.
पांडुआ प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सेबंती बिस्वास ने पहले इंडिया टुडे को धनराशि की स्वीकृति की पुष्टि करते हुए कहा था, “लंबे समय से लंबित धनराशि को मंजूरी मिल गई है. निविदा पहले ही जारी की जा चुकी है. उम्मीद है कि अगले चार महीनों में नवीनीकरण का काम पूरा हो जाएगा.”
कृतज्ञता और सामूहिक सफलता
नवीनीकरण की खबर से समुदाय को बहुत राहत मिली है. एक अभिभावक पूर्णिमा बनर्जी ने गहरा आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि सरकार ने हमारी गुहार सुनी है. एक समय ऐसा भी था जब मैंने अपनी बच्ची को स्कूल से निकालने के बारे में सोचा था क्योंकि इससे उसकी जान को खतरा था, हम वंचित पृष्ठभूमि से हैं और यह स्कूल हमारी एकमात्र आशा है. हम बहुत खुश हैं.” उन्होंने इस मुद्दे को प्रकाश में लाने के लिए इंडिया टुडे को धन्यवाद भी दिया.
स्कूल के प्रधानाध्यापक और मूल व्हिसलब्लोअर जयंत गुप्ता ने इस घटनाक्रम को “शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों की सामूहिक सफलता” बताया. उन्होंने इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए बीडीओ का धन्यवाद किया. गुप्ता ने आगे कहा, “स्कूल बच्चों के लिए दूसरा घर होते हैं और हमें उनकी पढ़ाई को और भी सुखद और जीवन को सुरक्षित बनाने में खुशी हो रही है.”
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