भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई बार कुछ ऐसी छोटी-छोटी आदतें अपना लेते हैं जो देखने में तो नॉर्मल लगती हैं, लेकिन धीरे-धीरे हमारे शरीर के लिए बड़ी परेशानी बन सकती हैं. ऐसी ही एक आम आदत बैग को सिर्फ एक कंधे पर लटकाकर चलना है. चाहे स्कूल हो, कॉलेज, ऑफिस या फिर बाहर घूमने जाना हो, हम में से कई लोग अपने बैग को एक ही कंधे पर टांग कर चलते हैं.
यह आदत कुछ लोगों के लिए स्टाइल स्टेटमेंट बन गई है तो कुछ लोग इसे इसलिए अपनाते हैं क्योंकि दो पट्टों वाले बैग को सही से संभालना झंझट लगता है. क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपके कंधे, रीढ़ और गर्दन के लिए धीरे-धीरे खतरनाक बन सकती है. यह आदत आपके शरीर में असंतुलन पैदा कर सकती है और शुरुआती गठिया का कारण बन सकती है. तो चलिए जानते हैं कि कैसे यह आदत कंधे में शुरुआती गठिया का खतरा बन रही है.
हो सकती है गठिया जैसी बीमारी
एक सीनियर ऑर्थोपेडिक सर्जन के मुताबिक, हमारा शरीर बैलेंस के लिए बना है. जब हम एक कंधे पर ही लगातार बैग टांगे रहते हैं तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है. एक ओर का वेट ज्यादा होने की वजह से मांसपेशियों को असमान रूप से काम करना पड़ता है. इससे एक ओर की मांसपेशियां खिंचती हैं और दूसरी ओर की ढीली पड़ जाती हैं.
इसका नतीजा यह होता है कि पीठ, कंधे और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव, थकावट और दर्द की समस्या होने लगती है. यह बदलाव धीरे-धीरे होता है, इसलिए अक्सर हम इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन लगातार एक ही कंधे पर बैग लटकाने से कंधे के जोड़ पर दबाव बनता है. खासकर एक्रोमिओक्लेविकुलर जोड़ और ग्लेनोह्यूमरल जोड़ पर इस दबाव से वहां की कार्टिलेज को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाने लगता है. समय के साथ यह नुकसान माइक्रोट्रॉमा का रूप ले लेता है और इसका परिणाम गंभीर कंधे की गठिया के रूप में सामने आता है.
रीढ़ और गर्दन को भी नुकसान
सिर्फ कंधा ही नहीं, रीढ़ की हड्डी और गर्दन भी इस आदत का शिकार बनती है. शरीर अपने आप को बैलेंस में लाने के लिए दूसरी दिशा में झुकने लगता है, जिससे रीढ़ टेढ़ी हो सकती है. इस बदलाव की वजह से गर्दन की मांसपेशियों में जकड़न, सिर दर्द और खराब पोस्चर जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. जिनके कंधे पहले से कमजोर या अस्थिर हैं, जिन्हें पहले कभी कंधे में चोट लगी है या फिर जिनका शरीर का पोस्चर पहले से खराब है. ऐसे लोगों के लिए यह आदत और भी ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है और जल्दी दर्द या सूजन शुरू हो सकती है.
कैसे बच सकते हैं इस खतरे से?
1. दोनों कंधों का यूज करें – ऐसा बैग चुनें जो दोनों कंधों पर समान रूप से वजन बांटे, जैसे बैकपैक जिसमें गद्देदार पट्टियां हों.
2. वजन सीमित रखें – बैग का वजन आपके शरीर के वजन का 10-15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
3. एक पट्टे वाले बैग का यूज करते हैं तो बदलाव करें – बार-बार कंधा बदलें जिससे एक ही कंधे पर लगातार दबाव न पड़े.
4. मांसपेशियों को मजबूत करें – नियमित रूप से कंधे, गर्दन और पीठ की एक्सरसाइज करें जिससे आपकी मांसपेशियां मजबूत रहें और चोट का खतरा कम हो.
5. पोस्चर पर ध्यान दें – चलते समय अपने पोस्चर को सीधा रखने की आदत डालें.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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