गैस या हार्ट अटैक क्या है फर्क? कंफ्यूजन से बचने के लिए जानें ये जरूरी तरीके

गैस या हार्ट अटैक क्या है फर्क? कंफ्यूजन से बचने के लिए जानें ये जरूरी तरीके



हम में से कई लोगों ने कभी न कभी सीने में दर्द या जलन जैसी समस्या महसूस की होगी. कभी लगता है गैस हो गई है, तो कभी डर लगता है कि कहीं यह हार्ट अटैक तो नहीं. असल में गैस और हार्ट अटैक, ये दोनों स्थितियां अपने शुरुआती लक्षणों में काफी हद तक एक जैसी लग सकती हैं, खासकर सीने में दर्द या भारीपन के मामले में, यही वजह है कि लोग अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं और सही समय पर जरूरी इलाज नहीं ले पाते. 

गैस की समस्या आमतौर पर पेट से जुड़ी होती है और खतरनाक नहीं होती है. वहीं हार्ट अटैक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें देरी जानलेवा हो सकती है. ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि गैस का दर्द और हार्ट अटैक का दर्द अलग कैसे होता है और कब आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गैस और हार्ट अटैक में क्या फर्क होता है और कौन-कौन सी सावधानियां अपनाकर आप इन दोनों से खुद को बचा सकते हैं. 

1. कहां और कैसा दर्द होता है – गैस का दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी हिस्से या सीने के निचले हिस्से में होता है. यह जलन जैसा, चुभन वाला या ऐंठन जैसा महसूस होता है. यह दर्द शरीर की स्थिति बदलने पर हल्का हो सकता है या अपनी जगह भी बदल सकता है. गैस के साथ पेट फूलना, डकार आना और मल त्याग के बाद आराम मिलना जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं. वहीं, हार्ट अटैक बिल्कुल अलग तरह का होता है. यह दर्द सीने के बीचों-बीच भारीपन, दबाव या कसाव जैसा लगता है, जैसे कोई चीज दिल को दबा रही हो, यह दर्द आमतौर पर बाएं हाथ, जबड़े, गर्दन या पीठ की ओर फैलता है. खास बात यह है कि शरीर की स्थिति बदलने या डकार लेने पर इसमें कोई आराम नहीं मिलता है. 

2. दर्द का समय और राहत कैसे मिलती है – गैस का दर्द कुछ मिनटों से लेकर 1 से 2 घंटे तक रह सकता है और जैसे ही गैस डकार या मल के रूप में बाहर निकलती है तो दर्द में राहत मिल जाती है. यह दर्द टुकड़ों में आता है और चला जाता है. वहीं हार्ट अटैक का दर्द आमतौर पर 15 से 20 मिनट से ज्यादा समय तक रहता है और शरीर को आराम देने पर भी इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. दर्द लगातार बना रहता है और बढ़ता है, यह खतरे का संकेत हो सकता है. 

3. दोनों के लक्षणों में फर्क – गैस की समस्या में पेट फूलना, गड़गड़ाहट, डकार और हल्की बेचैनी महसूस होती है. इसमें आमतौर पर पसीना नहीं आता, ना ही चक्कर आते हैं. हार्ट अटैक में कुछ खास लक्षण होते हैं जैसे ठंडा पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, मतली, कमजोरी और कुछ मामलों में बेहोशी तक हो सकती है. महिलाओं को पेट में दर्द, असामान्य थकान और सिरदर्द जैसे अलग लक्षण भी हो सकते हैं. 

कैसे करें इससे बचाव? 

गैस या हार्ट अटैक, दोनों ही स्थितियों से बचने के लिए लाइफस्टाइल में थोड़े बहुत बदलाव करना बहुत फायदेमंद हो सकता है. गैस से बचने के लिए एक बार में बहुत ज्यादा ना खाएं. बीन्स, कोला, मसालेदार चीजों से परहेज करें. समय पर खाना खाएं, स्ट्रेस कम करें और धीरे-धीरे खाएं. इसके अलावा हार्ट अटैक से बचने के लिए रोजाना थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करें, धूम्रपान छोड़ें, वजन कंट्रोल रखें, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं, तनाव को कम करने की कोशिश करें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और नींद पूरी लें. 

अगर सीने में भारी दबाव हो, दर्द हाथ या जबड़े की ओर जा रहा हो, सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, पसीना आ रहा हो या चक्कर महसूस हो रहे हों तो तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें और खुद गाड़ी चलाकर हॉस्पिटल जाने की कोशिश ना करें. समय पर इलाज मिलने से हार्ट को नुकसान से बचाया जा सकता है. वहीं, गैस के दर्द में आमतौर पर आपातकालीन इलाज की जरूरत नहीं होती, लेकिन अगर दर्द लगातार हो, बहुत ज्यादा तेज हो, उल्टी या बुखार भी हो, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है. 

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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