
अक्सर लोग मस्ती या मज़ाक में ग्रुप में अडल्ट वीडियो, फोटो या चुटकुले भेज देते हैं. लेकिन अगर किसी सदस्य ने इस पर आपत्ति दर्ज कर दी तो आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत जेल और भारी जुर्माना दोनों लग सकता है. इसलिए सिर्फ फॉरवर्ड दबाने से पहले भी ज़िम्मेदारी ज़रूरी है क्योंकि एक क्लिक आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.

अगर किसी ग्रुप में आपने ऐसा पोस्ट शेयर किया जिसमें देशविरोधी बातें हों या किसी धर्म, जाति या संस्था को लेकर भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया गया हो तो पुलिस इसे गंभीर अपराध मानती है. ऐसे मामलों में देशद्रोह या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़ी धाराएं भी लग सकती हैं जिससे गिरफ्तारी तक की नौबत आ सकती है.

इतना ही नहीं, यदि किसी ग्रुप में बच्चों से संबंधित आपत्तिजनक फोटो, वीडियो या हिंसा दिखाने वाला कंटेंट शेयर किया गया तो यह POCSO Act के तहत सीधा अपराध माना जाता है. इस कानून में ऐसी सामग्री साझा करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई और गिरफ्तारी का प्रावधान है. भले ही आप इसे मज़ाक या मनोरंजन के तौर पर भेजें लेकिन कानून इसे बेहद गंभीरता से लेता है.

वहीं, अगर किसी व्हाट्सएप ग्रुप में लड़ाई-झगड़े, हिंसा या किसी का MMS वीडियो साझा किया गया तो इसे भी आईटी एक्ट की धारा 66A और 153A के तहत अपराध माना जाता है. ऐसे संदेश समाज में नफरत फैलाने वाले माने जाते हैं और पुलिस इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है. इसलिए किसी भी तरह का विवादित या भड़काऊ कंटेंट शेयर करने से पहले दो बार सोचें क्योंकि इससे आपकी छवि और आज़ादी दोनों खतरे में पड़ सकती हैं.

WhatsApp एक उपयोगी और शक्तिशाली माध्यम है लेकिन इसके इस्तेमाल में जिम्मेदारी बेहद ज़रूरी है. अगर किसी ग्रुप में आप एडमिन हैं तो आपकी जवाबदेही और भी बढ़ जाती है क्योंकि ग्रुप में गलत मैसेज या वीडियो शेयर होने पर प्रशासन सबसे पहले एडमिन से जवाब मांगता है. दिवाली जैसे त्योहारों पर खुशियां बांटें लेकिन ऐसा कुछ न करें जिससे खुशियों की जगह कानूनी परेशानियां आ जाएं. सोच-समझकर मैसेज भेजना ही आज के डिजिटल युग में समझदारी की असली पहचान है.
Published at : 18 Oct 2025 12:44 PM (IST)