बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर विपक्षी इंडिया गठबंधन में सहयोगी दलों के बीच खींचतान लगातार जारी है. 6 नवंबर, 2025 को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) को खत्म हो गई. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि पहले चरण के चुनाव के लिए कुल 1,698 उम्मीदवारों ने नामांकन दर्ज किया है.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि पहले चरण के चुनाव के लिए पार्टी के कुल 71 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है. इसमें पार्टी के ओर से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव, मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, आलोक मेहता, ललित यादव, इजरायल मंसूरी के साथ पार्टी के सभी पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने भी अपना नामांकन दाखिल किया है.
कांग्रेस, VIP और CPI ने भी मैदान में उतारे अपने-अपने उम्मीदवार
वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस से ब्रज किशोर रवि, तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी अमिता भूषण और प्रतिमा कुमारी समेत कुल 25 उम्मीदवारों ने भी अपने नामांकन दाखिल किया है. इसके साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के 14 उम्मीदवार, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी और उपाध्यक्ष उमेश सहनी समेत कुल छह उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के पास अपना नामांकन दाखिल किया है. हालांकि, वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने बिहार विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘मुझे चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत सुनिश्चित करनी है. अगर मैं भी चुनाव लड़ता हूं तो इससे हमारे चुनावी अभियान पर असर पड़ेगा.’
महागठबंधन की सहयोगी दलों के उम्मीदवारों में भी हो सकता है मुकबला
इंडिया गठबंधन में सभी सहयोगी दलों के बीच शुक्रवार (17 अक्टूबर, 2025) तक कोई सहमति बन पाई. ऐसे में पार्टी के कई उम्मीदवारों ने सावधानी बरतते हुए अपना-अपना नामांकन दाखिल किया. पहले फेज के चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख सोमवार (20 अक्टूबर, 2025) तक है. ऐसे में जिन सीटों पर सहयोगी दलों के उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है, अगर वे सोमवार को अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं, तो महागठबंधन की सहयोगी पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच भी मुकबला देखने को मिल सकता है.
जिन आठ विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के बीच आपसी घमासान हो सकता है, उनमें, बछवाड़ा, कहलगांव, लालगंज, गौरा बौराम, तारापुर, वैशाली, राजापाकर और रोसड़ा का नाम शामिल है.
वोटर अधिकार यात्रा ने सभी पार्टियों ने दिया साथ, सीट को लेकर हो गया विवाद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बिहार में हुई वोटर अधिकार यात्रा में गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने शामिल होकर एकजुटता का प्रदर्शन किया था. लेकिन उसके बाद जल्द ही इनके बीच कई मुद्दों पर मतभेद सामने आने लगे और महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बना पाए.
यह भी पढ़ेंः अमित शाह का बिहार की चुनावी जमीन से बंगाल पर सियासी निशाना, बोले- SIR से दर्द घुसपैठियों को पाल-पोसकर…