बिहार की 11 सीटों पर महागठबंधन Vs महागठबंधन! चिराग पासवान का तंज, बोले- मैंने ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा

बिहार की 11 सीटों पर महागठबंधन Vs महागठबंधन! चिराग पासवान का तंज, बोले- मैंने ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा



बिहार में महागठबंधन (Grand Alliance) के अंदर सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. उम्मीदवारों की लिस्ट का विश्लेषण करने पर साफ हुआ है कि गठबंधन के भीतर ही 11 सीटों पर सीधा मुकाबला होगा. यह स्थिति विपक्षी दलों में समन्वय की कमी और अंदरूनी मतभेद को उजागर कर रही है. चुनाव के पहले चरण से सिर्फ दो हफ्ते पहले यह असहमति एनडीए और चिराग पासवान के लिए हमला बोलने का नया मुद्दा बन गई है.

आरजेडी (RJD) और कांग्रेस के बीच 6 सीटों पर, जबकि सीपीआई (CPI) और कांग्रेस के बीच 4 सीटों पर सीधा टकराव होगा. वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और आरजेडी के बीच एक सीट चैनपुर पर मुकाबला रहेगा.

सोमवार को आरजेडी ने अपने 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में वे 6 सीटें भी शामिल हैं, जहां कांग्रेस ने पहले ही अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. ये सीटें हैं- वैशाली, सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, नरकटियागंज और वर्सालिगंज. अब सबकी निगाहें 23 अक्टूबर पर टिकी हैं, जो दूसरे चरण के नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है. तब तक यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि विपक्षी खेमे में कोई समझौता होता है या नहीं.

शाहनवाज हुसैन ने महागठबंधन पर साधा निशाना

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने ‘महागठबंधन’ पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद (RJD) ने अपनी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है, जिससे यह साफ हो गया है कि टिकट वितरण में किसी तरह के मानदंडों का पालन नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा, “महागठबंधन पूरी तरह ‘महाफूट’ का शिकार हुआ है. राजद की लिस्ट देखकर स्पष्ट है कि उन्होंने अपने ही कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है और टिकट किसी को भी बांट दिए हैं. इस लिस्ट में ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं दिखता जो जीत सके.”

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इन हालातों ने विपक्ष की एकता और तालमेल पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लंबे समय से चली आ रही बैठकों और गुप्त चर्चाओं के बावजूद महागठबंधन अब तक औपचारिक रूप से सीटों का बंटवारा घोषित नहीं कर सका है. वहीं, एक और दिलचस्प मुकाबला महुआ सीट पर देखने को मिलेगा. यहां आरजेडी ने मुकेश रौशन को उम्मीदवार बनाया है, जो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. तेज प्रताप को इस साल की शुरुआत में आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई. यह पारिवारिक विवाद अब बिहार की सियासत में नया मोड़ जोड़ रहा है.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के आंतरिक मुकाबले विपक्षी वोटों का बंटवारा कर सकते हैं, जिससे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) को कई सीटों पर फायदा हो सकता है.

चिराग पासवान ने महागठबंधन को लेकर क्या कहा?

लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी सोमवार को महागठबंधन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “मैंने कभी ऐसा चुनाव नहीं देखा जिसमें इतना बड़ा गठबंधन टूटने के कगार पर हो. सीटों के चयन पर मतभेद होना एक बात है, लेकिन यहां तो सीटों की संख्या पर ही सहमति नहीं बन पा रही.”

चिराग पासवान की पार्टी इस बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने महागठबंधन की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के भीतर चल रही ये “दोस्ताना लड़ाई” असल में एनडीए के लिए वॉकओवर साबित हो रही है. चिराग पासवान ने कहा, “ऐसा कुछ नहीं होता जिसे दोस्ताना मुकाबला कहा जाए. या तो आप दोस्त हैं या प्रतिद्वंदी. अगर आप एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार रहे हैं और नेताओं पर निशाना साध रहे हैं, तो इसका असर बाकी सीटों पर जरूर पड़ेगा.”

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