भारत के दो दिग्गज विराट कोहली और रोहित शर्मा सिर्फ बल्लेबाज नहीं है, वे लाखों फैन्स के लिए प्रेरणा हैं. उनके प्रदर्शन से पता चलता है कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जुनून, मेहनत और हौसले का प्रतीक है.
मार्च के बाद अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में उतरे कोहली और रोहित ने पर्थ की उछाल भरी पिच और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के सामने संघर्ष किया. उनके प्रयासों में जान थी, लेकिन परिणाम भारतीय टीम के लिए निराशाजनक रहा और 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा.
इस बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि मौजूदा ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज में इन दोनों की कोशिशें यह तय करेंगी कि क्या ये सितारे 2027 विश्व कप तक अपनी चमक बनाए रख पाएंगे.
एडिलेड में नई उम्मीद
तीन मैचों की सीरीज का दूसरा वनडे गुरुवार को एडिलेड में खेला जाएगा. पर्थ की तुलना में एडिलेड की परिस्थितियां बल्लेबाजों के लिए अधिक अनुकूल हैं. यह केवल एक मैच नहीं, बल्कि उन दोनों के लिए अपने जुनून और प्रतिबद्धता को साबित करने का अवसर है.
पोंटिंग ने पूर्व कोच रवि शास्त्री के साथ कहा कि कोहली और रोहित को केवल 2027 विश्व कप के बारे में नहीं सोचना चाहिए. छोटे-छोटे लक्ष्य तय करना और हर मैच को पूरी ताकत से खेलना ही उनकी लंबी यात्रा की कुंजी है.
‘हमेशा कुछ छोटे लक्ष्य होने चाहिए’
पोंटिंग ने कहा, ‘मुझे यह सुनना पसंद नहीं कि मैंने खेल में सब कुछ हासिल कर लिया है’. हमेशा कुछ छोटे लक्ष्य होने चाहिए. केवल 2027 वर्ल्ड कप की चिंता करने से काम नहीं चलेगा.’

उन्होंने आगे जोड़ा, ‘विराट हमेशा प्रेरणादायी रहे हैं. मुझे पूरा यकीन है कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज के लिए अपने लक्ष्य तय कर लिए हैं. उन्हें अगले विश्व कप की चिंता में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. यह देखना होगा कि क्या वे अपने जुनून और मेहनत के दम पर विश्व कप तक अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन बनाए रख पाएंगे.’
फॉर्म पाने में थोड़ा समय लगेगा…
पहले वनडे में रोहित और कोहली का प्रदर्शन उतना शानदार नहीं रहा, लेकिन शास्त्री का मानना है कि उन्हें समय और मौके मिलना चाहिए. आईपीएल के बाद लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहने के कारण दोनों को अपनी लय पाने में थोड़ा समय लगेगा.
शास्त्री ने कहा, ‘लंबे समय के बाद वापसी करना आसान नहीं होता. विदेशी परिस्थितियों में, तेज गेंदबाजों के सामने अपने कदम जमाना हर खिलाड़ी के लिए चुनौती है.’
उन्होंने आगे जोड़ा, ‘लेकिन समय ही बताएगा कि ये दोनों दिग्गज अपनी पुरानी चमक वापस ला पाएंगे या नहीं। जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उनके अंदर खेल की भूख और जुनून कितना बचा है. रोहित और कोहली सिर्फ बल्लेबाज नहीं, प्रेरणा हैं। उन्हें समय और समर्थन देना ही सही रास्ता है.’
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