अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात की तैयारी चल रही थी. दोनों की मुलाकात का मकसद था यूक्रेन में चल रहे युद्ध को रोकने की कोशिश करना. लेकिन ये मीटिंग फिलहाल स्थगित दी गई, क्योंकि रूस ने तुरंत युद्ध रोकने यानी सीज़फायर के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
अमेरिका की तरफ से व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि “अभी पुतिन और ट्रम्प की मुलाकात की कोई योजना नहीं है”. हालांकि अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच फ़ोन पर बातचीत “ठीक-ठाक” हुई थी, लेकिन उन्होंने आमने-सामने बात को टाल दिया.
पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था कि वे जल्द ही पुतिन से हंगरी में मिलेंगे ताकि युद्ध खत्म करने पर बात हो सके. मगर पुतिन किसी भी समझौते को लेकर तैयार नहीं हैं. रूस चाहता है कि यूक्रेन कुछ और इलाकों को छोड़ दे, तभी सीज़फायर पर चर्चा आगे बढ़े.
अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि रूस ने हाल ही में अमेरिका को एक निजी नोट भेजा, जिसमें उसने फिर से वही पुरानी मांग दोहराई कि पूरी डोनबास क्षेत्र का नियंत्रण रूस को दिया जाए. ये बात ट्रम्प के उस प्रस्ताव के खिलाफ है जिसमें उन्होंने कहा था कि युद्ध वहीं रुकना चाहिए जहां दोनों सेनाएं मौजूदा वक्त में खड़ी हैं.
रूस पहले से ही लुहांस्क प्रांत और उसके पास के डोनेत्स्क के करीब 75 फीसदी हिस्से पर कब्जा किए हुए है. यूरोपीय देशों ने अमेरिका से कहा है कि ट्रंप को रूस पर दबाव बनाए रखना चाहिए ताकि वही मौजूदा सीमाओं पर तुरंत युद्ध रोकने पर सहमत हो.
ट्रंप ने कुछ दिन पहले पुतिन से फ़ोन पर और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी. वो उम्मीद कर रहे थे कि हंगरी में होने वाली नई बैठक कुछ हल निकाल सकती है. लेकिन अब जो तैयारी बैठक रूबियो और लावरोव की इस हफ्ते बुडापेस्ट में होनी थी, वो भी टाल दी गई है.
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रूस की तरफ से कहा गया कि इस मीटिंग से ज़्यादा ज़रूरी ये है कि अलास्का में पिछली मुलाकात में जो बातें तय हुई थीं, उन्हें लागू कैसे किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी नई मीटिंग की तारीख अभी तय नहीं है और “गंभीर तैयारी” की ज़रूरत होगी.
कई यूरोपीय देशों का कहना है कि ट्रम्प तब तक पुतिन से नहीं मिलेंगे जब तक रूस कुछ झुके नहीं. एक यूरोपीय राजनयिक ने कहा, “लगता है रूस बहुत ज़्यादा मांग रहा था, इसलिए अमेरिका ने सोचा इस वक्त कोई सौदा नहीं हो पाएगा.”
यूरोपीय देश खास तौर पर ये सोचकर परेशान हैं कि कहीं ट्रंप बिना किसी ठोस वादा लिए पुतिन से मिल न लें. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन के नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि वो ट्रम्प के इस रुख का समर्थन करते हैं कि “लड़ाई तुरंत रुकनी चाहिए और मौजूदा सीमाओं से ही बातचीत शुरू होनी चाहिए.”
अंदरखाने हुई ट्रम्प-ज़ेलेंस्की की मुलाकात थोड़ी तनावपूर्ण बताई जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प ने कई बार गुस्से में ज़ेलेंस्की पर दबाव डाला कि वो कुछ रूसी शर्तें मान लें. लेकिन ज़ेलेंस्की ने बाद में कहा कि मीटिंग सफल रही क्योंकि ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से यूक्रेन के रुख का समर्थन किया.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ
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