अब Google Chrome की छुट्टी तय! OpenAI ने उतारा अपना नया ब्राउजर, कमाई और स्पीड दोनों में जबरदस्त गेमचेंजर

अब Google Chrome की छुट्टी तय! OpenAI ने उतारा अपना नया ब्राउजर, कमाई और स्पीड दोनों में जबरदस्त गेमचेंजर



Atlas Browser: OpenAI ने मंगलवार को अपना नया वेब ब्राउज़र Atlas पेश किया है. यह लॉन्च सीधे तौर पर कंपनी को Google के मुकाबले में खड़ा करता है क्योंकि अब तेजी से बढ़ती संख्या में इंटरनेट यूज़र्स AI पर आधारित उत्तरों पर निर्भर होते जा रहे हैं.

ChatGPT अब बनेगा इंटरनेट सर्च का नया दरवाजा

OpenAI की यह नई रणनीति उसके मशहूर चैटबॉट ChatGPT को ऑनलाइन सर्च का मुख्य केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ऐसा करने से कंपनी को डिजिटल विज्ञापनों और ट्रैफिक से अधिक कमाई का मौका मिल सकता है.

हालांकि, इससे एक चिंता भी जुड़ी है अगर ChatGPT सीधे लोगों को सारांश रूप में जवाब देने लगेगा तो इससे ऑनलाइन पब्लिशर्स की ट्रैफिक पर असर पड़ सकता है क्योंकि यूज़र्स पारंपरिक वेबसाइट्स पर क्लिक करना छोड़ सकते हैं.

वर्तमान में ChatGPT के 800 मिलियन से अधिक यूज़र्स हैं जिनमें से कई इसे मुफ्त में इस्तेमाल करते हैं. कंपनी प्रीमियम सब्सक्रिप्शन भी बेचती है लेकिन कमाई के मुकाबले घाटा अभी भी ज्यादा है. Atlas फिलहाल Apple macOS पर लॉन्च हुआ है और जल्द ही Windows, iOS और Android पर भी उपलब्ध होगा.

ब्राउज़र वॉर की नई शुरुआत

OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने इस लॉन्च को “हर दशक में मिलने वाला एक अनोखा मौका” बताया जिसमें ब्राउज़र की सोच और उपयोग का नया रूप दिया जा सकता है. वहीं टेक विश्लेषक पैडी हैरिंगटन का मानना है कि Google जैसे दिग्गज से टक्कर लेना एक कठिन चुनौती होगी.

पिछले कुछ महीनों से ब्राउज़र मार्केट में कानूनी और व्यावसायिक जांच भी तेज़ हुई है. यहां तक कि कुछ समय पहले OpenAI के एक अधिकारी ने यह भी कहा था कि अगर अदालत Google को Chrome बेचने का आदेश देती तो कंपनी उसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाती. लेकिन अमेरिकी अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी.

वर्तमान में Google Chrome के करीब 3 अरब यूज़र्स हैं और वह पहले ही अपने Gemini AI फीचर्स को शामिल कर रहा है. 2008 में Chrome की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि स्पीड और परफॉर्मेंस कैसे पूरे बाजार को बदल सकते हैं अब OpenAI उसी राह पर चलने की कोशिश कर रहा है.

Altman का विजन

Altman का मानना है कि भविष्य में पारंपरिक ब्राउज़र की URL बार की जगह AI चैट इंटरफेस ले लेगा. Atlas में जो सबसे खास फीचर जोड़ा गया है, वह है ‘Agent Mode’ यह यूज़र के लैपटॉप से जुड़कर उसके लिए इंटरनेट पर खुद सर्च और क्लिक करता है. यह यूज़र की ब्राउज़िंग हिस्ट्री और लक्ष्यों को समझकर उसी के अनुसार परिणाम देता है. Altman के शब्दों में, “यह इंटरनेट को आपके लिए इस्तेमाल करता है.”

हालांकि, कुछ विशेषज्ञ इसे यूज़र की निजता और नियंत्रण के लिए खतरा मानते हैं. उनके अनुसार, यह फीचर यूज़र की जानकारी के आधार पर उसकी प्रोफ़ाइल बना सकता है और विज्ञापनों से प्रभावित सर्च रिज़ल्ट्स दे सकता है.

AI पर बढ़ती निर्भरता और नैतिक चिंताएं

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 60% अमेरिकी नागरिक और 30 साल से कम उम्र के 74% युवा जानकारी खोजने के लिए AI का उपयोग करते हैं. Google ने भी पिछले साल से अपने सर्च रिज़ल्ट्स में AI जनरेटेड सारांश दिखाना शुरू किया है. लेकिन इस प्रवृत्ति से दो प्रमुख समस्याएं उभर रही हैं “हैलुसिनेशन” (गलत जानकारी देना), कॉपीराइट विवाद जैसे कि New York Times ने OpenAI पर कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है जबकि Associated Press जैसी एजेंसियों ने लाइसेंसिंग डील को प्राथमिकता दी है.

हाल ही में यूरोपियन ब्रॉडकास्टिंग यूनियन की एक रिपोर्ट में पाया गया कि प्रमुख AI असिस्टेंट्स, जिनमें ChatGPT और Google Gemini शामिल हैं के लगभग आधे जवाब गलत या अधूरे पाए गए.

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