लखनऊ के काकोरी इलाके में दलित बुजुर्ग के साथ मंदिर परिसर में की गई अमानवीय हरकत को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. आरोप है कि शीतला माता मंदिर के पास बीमारी से पीड़ित बुजुर्ग रामपाल से स्थानीय दुकानदार स्वामीकांत उर्फ पम्मू ने न केवल जातिसूचक गालियां दीं बल्कि उन्हें जबरन पेशाब चाटने और मंदिर परिसर धुलवाने पर मजबूर किया.
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर एससी/एसटी एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. डीसीपी पश्चिम रीमा प्रसाद ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और सरकार दलितों एवं कमजोर वर्गों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है.
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मामले को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि “भाजपा राज में दलित होना अपराध बना दिया गया है, यह नया भारत नहीं बल्कि अमानवीय समाज का संकेत है.” समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी इस घटना को “मानवता पर कलंक” बताया और राज्य सरकार से आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इसे “संविधान की आत्मा पर प्रहार” करार दिया.
AIMIM और BSP की सक्रियता
घटना के बाद एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष शेख ताहिर सिद्दीकी पीड़ित से मिलने पहुंचे. उन्होंने रामपाल रावत को हरसंभव मदद का भरोसा दिया और अधिकारियों से आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की. उन्होंने कहा कि “जब तक पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा, एआईएमआईएम सड़कों पर संघर्ष जारी रखेगी.”
दूसरी ओर, बहुजन समाज पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार गौतम की अगुवाई में काकोरी पहुंचा. उन्होंने घटना को “समाज को झकझोर देने वाला” बताया और चेतावनी दी कि यदि पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो बसपा चरणबद्ध आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा, “दलितों के सम्मान और सुरक्षा के मुद्दे पर पार्टी पीछे नहीं हटेगी.”
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जनाक्रोश और प्रशासनिक कार्रवाई
पीड़ित रामपाल ने अपनी शिकायत में बताया कि वह सांस के मरीज हैं और अचानक तबीयत बिगड़ने पर मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए थे. उसी वक्त यह घटना हुई. गांव और आसपास के क्षेत्रों में इस घटना के खिलाफ नाराजगी है. प्रदर्शनकारियों ने आरोपी की सख्त सजा की मांग की है. स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इसे “दलित समाज के खिलाफ बढ़ते अत्याचार” का उदाहरण बताया है.
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