
बिहार में ठेकुआ को छठ पूजा का सबसे जरूरी प्रसाद माना जाता है. इसे गेहूं के आटे, गुड़ और देसी घी से तैयार किया जाता है और खास लकड़ी के सांचे से आकार दिया जाता है. इसे धीमी आंच पर तला जाता है जिससे इसकी खुशबू पूरे घर में फैल जाती है. वहीं झारखंड में भी ठेकुआ बनता है, लेकिन कई बार इसमें नारियल पाउडर या तिल भी मिलाया जाता है, जो इसे थोड़ा अलग टेस्ट देता है. कई परिवार इसमें इलायची या सौंफ का भी यूज करते हैं.

बिहार में कसर के लड्डू यानी चावल के आटे से बने लड्डू छठ का एक खास हिस्सा होते हैं. इन्हें देसी घी में भूनकर गुड़ के साथ मिलाया जाता है. लेकिन झारखंड में नारियल के लड्डू का चलन ज्यादा है. नारियल, खोया और गुड़ से बने ये लड्डू छठ के प्रसाद में मिठास और खुशबू दोनों जोड़ते हैं.

बिहार में रसीया नाम की खीर बनती है जो गुड़ और चावल से तैयार की जाती है. इसका टेस्ट बिल्कुल देसी और पारंपरिक होता है. वहीं झारखंड में भी गुड़ की खीर बनती है लेकिन कई जगह इसमें नारियल का दूध या पिसा नारियल भी मिलाया जाता है, जो इसे अलग टेस्ट देता है.

बिहार में धान की पिट्ठी छठ प्रसाद में बहुत आम नहीं है, हालांकि कुछ गांवों में इसका यूज होता है. लेकिन झारखंड में पिट्ठी, यानी धान की भूसी निकालकर बनाए गए चावल से बनी मिठाई, झारखंड के छठ में विशेष मानी जाती है. इसे गुड़ या तिल भरकर बनाया जाता है.

इसके अलावा बिहार में तिल और गुड़ की मिठाइयां मकर संक्रांति में ज्यादा दिखती हैं, छठ में इनका प्रयोग सीमित है. झारखंड में तिल-गुड़ की मिठाइयां छठ में खास रूप से बनाई जाती हैं. तिलकुट और तिल लड्डू पूजा में चढ़ाए जाते हैं.

अब भले ही गैस चूल्हे का यूज बढ़ गया है, लेकिन बिहार के कई ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी छठ के पकवान मिट्टी के चूल्हे पर बनते हैं. वहीं झारखंड में तो आज भी बहुत से लोग मानते हैं कि छठ के प्रसाद को मिट्टी के बर्तन और चूल्हे में बनाना शुभ होता है.इससे पकवानों में एक खास खुशबू और टेस्ट आता है.
Published at : 22 Oct 2025 07:45 PM (IST)