विवादों में घिरे राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारी छोटू लाल शर्मा पर आखिरकार सरकार ने सख्त कार्रवाई की है. राज्य सरकार ने उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. कार्मिक विभाग की ओर से गुरुवार को जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन अवधि के दौरान छोटूलाल शर्मा का मुख्यालय शासन सचिवालय, जयपुर रहेगा.
संयुक्त शासन सचिव डॉ. धीरज कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि छोटू लाल शर्मा का निलंबन प्रशासनिक कारणों से किया गया है और यह निर्णय राज्यपाल की अनुमति से हुआ है.
दरअसल, छोटू लाल शर्मा एक बार फिर उस समय चर्चा में आए जब भीलवाड़ा जिले में अजमेर-भीलवाड़ा एनएच पर जसवन्तपुरा स्थित एक सीएनजी पंप जमकर हंगामा हुआ. यहां प्रतापगढ़ के एसडीएम छोटू लाल शर्मा अपने परिवार के साथ सीएनजी भरवाने पहुंचे थे.
गाड़ी में पहले गैस भरवाने की बात को लेकर पंप कर्मचारियों और उनके बीच हाथापाई हो गई. पहले एसडीएम ने कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया इसके बाद कर्मचारी ने भी कई थप्पड़ एसडीएम को जड़ दिए.
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
पुलिस ने तीन पंप कर्मचारियों को गिरफ्तार किया
घटना की जानकारी मिलते ही रायला पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी. पुलिस ने दीपक माली, प्रभु लाल कुमावत और राजा शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. दोनों पक्षों की मारपीट की जांच जारी है. वीडियो के वायरल होने के बाद एसडीएम छोटू लाल शर्मा फिर से सुर्खियों में आ गए हैं. यह कोई पहली बार नहीं है जब छोटू लाल शर्मा विवादों में रहे हैं. उनके नाम पर पहले भी कई घटनाओं की चर्चा रही है.
SDM की पत्नी ने दर्ज कराई थी FIR
एसडीएम की पत्नी दीपिका व्यास, जो मारपीट के समय वहां मौजूद थी, ने इस मामले सीएनजी पंप कर्मचारियों के खिलाफ छेड़छाड़ की FIR दर्ज करवाई है. शिकायत में उन्होंने लिखा कि सीएनजी पंप कर्मी ने मुझे आंख मारी, जिससे मेरे पति गुस्से में आ गए और उन्होंने कर्मचारी को डांट लगाई. इसके बाद कर्मचारी हमारी गाड़ी छोड़कर पीछे खड़ी गाड़ी में सीएनजी भरने लगा और कहा, ‘क्या माल लग रही है’. मेरे पति ने विरोध किया तो तीन लोगों ने हम पर हमला कर दिया.
पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं छोटूलाल शर्मा
छोटूलाल शर्मा पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं. उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया था. तब उनकी पूर्व पत्नी ने उनके खिलाफ मारपीट और घर से निकालने के आरोप लगाए थे. इसके अवाला उन्हें अब तक तीन बार पद से हटाया जा चुका है. साल 2017 में भीलवाड़ा में पंचायत समिति अधिकारी गिरिराज मीणा से झगड़े के बाद और टोंक में 2018 में रिश्वत विवाद के बाद उन्हें हटाया गया था. अब जब उनका नया वीडियो वायरल हुआ है. ऐसे में उन पर एक बार फिर कार्रवाई की गई है, हालांकि अधिकारियों ने इसके पीछे प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया है.
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