बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान खत्म हो गया है. अब नतीजों पर चर्चा शुरू हो गई है. यहां नीतीश कुमार की सरकार बरकरार रहेगी या तेजस्वी की लालटेन इतिहास रचेगी, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों में एनडीए की सरकार बनती दिखाई दे रही है लेकिन इससे उलट फलोदी के सट्टा बाजार के आंकड़ों ने सभी को हैरत में डाल दिया है.
फलोदी के सट्टा बाजार का मार्केट रेट एग्जिट पोल्स से अलग एक दूसरी ही कहानी बयां कर रहा है. सट्टा बाजार के मुताबिक बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. इतना ही नहीं तेजस्वी यादव का राष्ट्रीय जनता दल बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू को पीछे छोड़कर सबसे बड़ी पार्टी भी बन सकता है. फलोदी के सट्टा बाजार की माने तो बिहार में एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए ही संभावनाओं के दरवाजे अब भी खुले हुए हैं.
सट्टा बाजार के मुताबिक किसको कितनी सीटें?
फलोदी के सट्टा बाजार के मार्केट रेट के मुताबिक बिहार में एनडीए को 105 से 135 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह से महागठबंधन को 97 से 127 सीटें मिल सकती हैं. इसी तरह से अन्य को तीन से आठ सीटें मिल सकती हैं. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को लेकर फलोदी का सट्टा बाजार कतई उत्साहित नहीं है. प्रशांत किशोर की पार्टी के लिए खाता खुलना ही किसी उपलब्धि से कम नहीं होगा. ओवैसी की पार्टी के सामने भी पिछला रिकॉर्ड दोहराने की बड़ी चुनौती होगी.
फलोदी के सट्टा बाजार के मुताबिक बिहार में अभी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों के लिए ही संभावनाओं के दरवाजे खुले हुए हैं. यहां एनडीए और महागठबंधन में से कोई भी सरकार बना सकता है. हालांकि एनडीए की सरकार बनने को लेकर 54 फ़ीसदी लोग दांव लगा रहे हैं, जबकि तेजस्वी यादव के महागठबंधन पर 46 फीसदी लोग.
RJD हो सकती है सबसे बड़ी पार्टी
फलोदी के सट्टा बाजार में लग रहे दांव को अगर आधार माना जाए तो तेजस्वी यादव का राष्ट्रीय जनता दल बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकता है. तेजस्वी की आरजेडी कम से कम 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है. बीजेपी इससे कुछ कम सीटें जीतकर दूसरे नंबर और नीतीश कुमार की जेडीयू 55 से 60 सीटों के आसपास रहकर तीसरे नंबर की पार्टी बन सकती है. महागठबंधन के लिए कांग्रेस कमजोर कड़ी साबित हो सकती है. कांग्रेस पार्टी दो दर्जन सीटें पाती हुई भी नहीं नजर आ रही है.
नीतीश कुमार के सीएम बनने के कितने चांस?
सट्टा बाजार के मुताबिक एनडीए को बहुमत मिलने की सूरत में भी नीतीश कुमार का सीएम बनना तय नहीं रहेगा. एनडीए को बहुमत मिलने पर नीतीश कुमार के सीएम बनने की संभावना सिर्फ 60 फीसदी ही रहेगी. बीजेपी का सीएम बनने की संभावना भी 20 से 25 फीसदी है. महागठबंधन को बहुमत मिलने पर तेजस्वी यादव के सीएम बनने के चांसेस 97 फीसदी से ज्यादा है.
कितने सही साबित होते हैं आंकड़े?
अब देखना यह होगा कि बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर एग्जिट पोल्स के अनुमान सही साबित होते हैं या फिर फलोदी का सट्टा बाज़ार इतिहास कायम करता है. आपको बता दें कि फलोदी राजस्थान का एक ऐसा कस्बा है जो कि सट्टा बाजार के लिए पूरी दुनिया में चर्चित है. यहां का सट्टा बाजार चुनाव और खेलों के नतीजों को लेकर सटीक अनुमान लगाने के लिए जाना जाता है.
हालांकि आपको बता दें कि चुनाव में किसी तरह की सट्टेबाजी पूरी तरह अवैध होती है, लेकिन फलोदी में सट्टेबाजी अब भी चोरी छिपे होती है. यहां के सट्टा बाजार में जो भाव लगता है, उसके आधार पर ही चुनाव नतीजों को लेकर अनुमान लगाया जाता है.