बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सेक्सुअल वेलनेस के नाम पर चल रही बड़ी ठगी का शिकार हो गया. इंजीनियर ने एक नकली डॉक्टर (क्वैक) पर भरोसा करके लगभग 48 लाख रुपये खर्च कर दिए. इतना ही नहीं, कथित दवाइयां खाने से उसकी किडनी को भी नुकसान पहुंचा. शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
तंबू में मिला ‘क्विक क्योर’ दावा
पुलिस के अनुसार पीड़ित युवक शिवमोग्गा का रहने वाला है और कुछ समय पहले उसने केंगेरी स्थित एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल से इलाज कराया था. इसी बीच, 3 मई को उसने शहर में लगे एक तंबू में सेक्सुअल समस्याओं का ‘जल्दी इलाज’ मिलने का दावा पढ़ा. तंबू में उसकी मुलाकात विजय गुरुजी नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसने आयुर्वेदिक इलाज से स्थायी समाधान का भरोसा दिया.
लाखों में बिकी ‘बूटी’
जांच के नाम पर गुरुजी ने युवक को ‘देवराज बूटी’ नामक दवाई लेने को कहा, जिसे कथित तौर पर हरिद्वार से लाया गया बताकर बेचा जाता था. इसकी कीमत थी 1.6 लाख रुपये प्रति ग्राम. नकली डॉक्टर ने उसे यह दवा यशवंतपुर के एक आयुर्वेदिक स्टोर से नकद में लेने को कहा, क्योंकि डिजिटल पेमेंट का विकल्प नहीं था.
दूसरी दवाओं की कीमत और भी ज्यादा
इसके बाद पीड़ित को ‘भावना बूटी तेल’ नाम की दवा दी गई, जिसकी कीमत बताई गई 76,000 रुपये प्रति ग्राम. फिर एक और दवा ‘देवराज रसाबूटी’ दी गई, जिसका रेट था 2.6 लाख रुपये प्रति ग्राम. इन दवाओं पर युवक ने लाखों रुपये खर्च कर दिए, जिसमें से कुछ उसने पत्नी और परिवार से लिए, कुछ बैंक लोन लिया और कुछ दोस्तों से उधार.
इलाज नहीं मिल सका, उल्टा किडनी खराब
पुलिस के अनुसार भारी रकम खर्च करने के बावजूद युवक की बीमारी में कोई सुधार नहीं हुआ. बल्कि मेडिकल जांच में पता चला कि कथित दवाइयों की वजह से उसकी किडनी डैमेज हो गई. जब उसने इस बारे में गुरुजी से पूछा, तो उसने दवा बंद करने पर ‘बड़ी नुकसान’ की धमकी दी.
दो आरोपी फरार, पुलिस की तलाश जारी
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने क्वैक और दवा दुकान के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
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